लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि आपदा के समय अपने भाग्य पर छोड़ दिए गए मजदूर परिवार की महिलाओं और मासूम बच्चों के साथ दर्दनाक हालत से गुजर रहे हैं। यह भाजपा सरकार के मानवता विरोधी रवैये का सबूत है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के तौर पर समाजवादी पार्टी आवाज उठाती है तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का रवैया इतना नकारात्मक है कि वह इसे दर किनार कर मनमानी पर उतारू हो गये हैं, उन्हें लोकतंत्र में सकारात्मक सुझाव सुनना भी गवारा नहीं है।
टीम 11 के नियंत्रण के बाहर अराजकता व्याप्त
अखिलेश ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने शुरू से ही अपनी विपक्षी जिम्मेदारी निभाते हुए तमाम समस्याओं के समाधान के सुझाव दिए लेकिन सरकार अपनी प्रशासनिक जड़ता से उबर नहीं पायी है। लाॅकडाउन के 54 दिन के बाद भी हालात दिन प्रतिदिन बिगड़ते जा रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुख्यमंत्री की टीम 11 के नियंत्रण के बाहर अराजकता व्याप्त है और सरकार चैन की बंसी बजाने में व्यस्त है। मुख्यमंत्री की अक्षमता के कारण अधिकारी अपनी मनमानी कर रहे हैं। सड़कों पर श्रमिकों की भीड़ है।
मजदूरों को गंतव्य स्थानों तक पहुंचाने में देरी क्यों
उन्होंने कहा कि हजारों मील चलने से श्रमिकों के पैरों में छाले पड़ गए हैं, भोजन के भी लाले हैं। मासूम बच्चें धूप और भूख में तड़प रहे हैं। दम तोड़ते इंसानों के प्रति उत्तर प्रदेश की पुलिस और प्रशासन की इंसानियत भी मर चुकी है। उन्होंने कहा कि सरकार ट्रकों को बंद कर रही है तो उसने दस हजार से ज्यादा रोडवेज बसों द्वारा सुरिक्षत और सम्मान जनक तरीके से मजदूरों को गंतव्य स्थानों तक पहुंचाने में देरी क्यों की है?
प्रदेश के प्रत्येक मृतक परिवार को एक लाख रुपये की मदद देगी पार्टी
अखिलेश ने कहा कि समाजवादी पार्टी दुःख की इस घड़ी में मजदूरों के साथ है। पार्टी प्रदेश के प्रत्येक मृतक परिवार को एक लाख रुपये की मदद पहुंचाएगी। वहीं हादसों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए भाजपा सरकार को मृतक आश्रितों को 10-10 लाख रुपये की आर्थिक मदद करनी चाहिए। अपनी रोजी-रोटी गंवाकर बेबसी और बदहाली में सिसकते हुए गरीबों की जान भी भाजपा सरकार में सस्ती हो गई है। इनकी जान बचाने में भाजपा सरकार नाकाम हैं। क्वारंटीन सेंटर गोण्डा में सांप काटने से मौत पर व्यक्ति के परिजन को एक लाख की समाजवादी पार्टी द्वारा सहायता दी गयी है।