लेखकः डा0 अरविन्द जैन
राजनीति जब मनुष्य के गर्भ में आने से या उसके पहले से शुरू होती हैं जैसे लड़का होगा या लड़की ,इसमें प्रदर्शन ,प्रतिष्ठा प्रतिस्पर्धा शुरू होता हैं जैसे हमारा बच्चा ८ पौंड का हुआ आपका ७ पोंड का हुआ। हमारा बच्चा गोरा हैं तुम्हारा बच्चा काला हैं ,हमारे बच्चे ने इतने प्रतिशत नंबर पाए और तुम्हारे ने कम पाए। हमारे घर में छह कमरे हैं तुम्हारे यहाँ चार कमरे हैं ,हमारे यहाँ दस गाड़ियां खड़ी रहती हैं तुम्हारे यहाँ कुछ भी नहीं. जब यह घुट्टी /संस्कार /प्रवत्ति जन्म के समय से पिलाई जाएँगी वे ही गुणों से संस्कार प्रस्फुटित होते हैं और वे सब बातें जीवन में उतरती हैं और उससे लाभ कितना होता होगा नहीं मालूम पर हानि जरूर होती हैं।
एक तरफ प्रधान सेवक शिरडी में साई बाबा के मंदिर में कार्येक्रम में कहते हैं की साई बाबा का सन्देश हैं श्रद्धा और सबुरी और दूसरी तरफ एक परिवार के द्वारा ही पूरे देश में विकास नहीं होने दिया। इस बात से यह सिद्ध होता हैं की मनुष्य कर्म से नहीं जन्म से महान होता हैं ,जैसे जिसके संस्कार जैसे होते हैं वे उभर का आ जाते हैं। उनका कहना हैं की सरकार ने अपना आधा लक्ष्य आवास का प्राप्त कर लिया हैं। वास्तव ने प्रधान सेवक ने आकंड़ों की बाज़ीगरी खूब की और वह नए आयाम को छूने लगी।
वर्तमान सरकार के कार्यकाल में किसानों की आत्महत्याए बहुत हुई जबकि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के दोसाल के आकंड़े सामने नही आये। इसका कारण सरकार सच्चाई सामने नहीं आने देना चाहती हैं। सरकार जी एस टी और नोटबंदी परअपनी पीठ जरूर थपथपा रही हैं पर सच्चाई यह हैं की नोटबंदी का नुक्सान अभी भी दिख रहा हैं। बहुत सारी सम्पत्ति गरीब से अमीर के बीच स्थान्तरित हुई हैं। जी एस टी कांग्रेस ने शुरू किया। साठ साल के संघर्ष से राज्यों की ताकत ,संघीय ढांचे को बढ़ाया गया था। जी एस टी में ऐसी विसंगति लाकर इसे ख़तम कर दिया गया। राज्यों के राजस्व का मुख्य स्त्रोत सेल्स टैक्स था । छोटे कारोबारियों को कंप्यूटर और सी ए की आवश्यकता पड़ रही ,लागत बढ़ गयी।
सरकार किस दम पर अपनी सफलता बताये रुपये की स्थिति देख ले और पेट्रोल के दाम कहाँ से कहाँ आ गए रोजगार कितनो को दिए गए ,कितने देशों की कंपनियां हमारे देश में कारखाना खोल सकी.सबसे बड़ी सात आई टी कंपनियों ने ५६हज़ार लोगों को नौकरियों से हटाया। इस सरकार के समय गाय की कीमत ८०फीसद से ९०फीसद कम हुई और हमारा देश पिंक क्रांति में सर्वोपरि हैं ! यानी मांस निर्यात में अग्रणी।
ऐसा नहीं हैं की यह सरकार भ्रष्टाचार से मुक्त हैं बल्कि पिछली सरकार से अधिक हैं परन्तु मीडिया मालिकों को इतना अधिक डर समाया हुआ हैं की कोई बतलाने को तैयार नहीं हैं। जैसे जस्टिस लोया केस ,सोहराबुद्दीन केस में गवाह पलट गए। माल्या के मामले में सी बी आई ने प्रकरण कमजोर बनाया। नीरव मोदी और चौकसी के पासपोर्ट में किसने अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया ? भ्रष्टाचार तो बहुत बढे हैं लेकिन मामले कम सामने आये। राफेल की लीपा पोती की जा रही हैं पर इस पर प्रधान सेवक की चुप्पी दर्शाती हैं की दाल में कुछ काला हैं। इस मामले में क्यों नहीं गर्जना होती हैं। आजकल मीडिया बहुत अधिक भयभीत हैं कोई भी सरकार के विरुद्ध कुछ नहीं बोल सकता। मीडिया के मालिक बहुत सहमे हैं बेहतर और स्वतंत्र सोच के पत्रकार निकाले जा रहे हैं। मीडिया घरानों में इतना डर समाया हैं की आयकर ,इ डी,.सी बी आई सेजांच कराना सामान्य बात हैं और नहीं तो उन घरानों के घपलों को उजागर करना और मामूली बात हैं।
मोदी सरकार ने २०१४ में जो वादें किये थे जैसे स्वामीनाथन रिपोर्ट लागु करेंगे। लागत मूल्य और इसका ५०फीसद जोड़कर न्यूनतम समर्थन मूल्य देंगे जो नहीं दिया गया। विदेश से हर भारतीय के लिए १५लाख लाएंगे या हर भारतीय का १५ लाख निर्यात करेंगे। .रफाल मामले में देश को आर्थिक नुक्सान पहुंचाया और व्यक्ति विशेष को लाभ दिलाया। हर दिन वर्तमान में देश और हिन्दुओं को खतरा हैं मंदिर मस्जिद जैसे मुद्दे बनाये रखना और संघ द्वारा एंटीनेशनल और कम्युनल मुद्दों के अलावा कुछ नहीं हैं। आपने विकास की क्या योजनाएं जो सफल हुई हो गिनाये और भविष्य में क्या करना चाहते हो। हमें कोई विकास नहीं चाहिए पहले भुखमरी ,गरीबी ,शिक्षा ,स्वास्थ्य पानी बिजली रोजगारी ईमानदारी से मुहैय्या करा दे उसके बाद सोने की सड़क बनाये या न बनाये । साथ ही पेट्रोल डीज़ल के दाम सहनीय हो वैसा करे और रूपये का अवमूल्यन से बचाव करे।
प्रधान सेवक को क्यों जिन्न जैसा नेहरू गाँधी परिवार का भय लगा रहता हैं। यह बात सत्य हैं की इन परिवारों ने देश का कोई हित नहीं किया ,अयोग्य थे ,अदूरदर्शी थे कोई पढ़ा लिखा नहीं था जैसे नेहरू, गाँधी की डिग्री फ़र्ज़ी थी और किसी भी सरकार ने कुछ नहीं किया तो आपने इतने अल्प समय में कितना विकास कर लिया। कितने एयरपोर्ट बनाये ,कितने नव निर्माण किये ,हां जनता के पैसों से सड़क बनवायी वह भी उससे जिसके पास ठेका हैं।
दूसरी बात प्रधान सेवक सब जगह चाहे मंदिर हो ,मस्जिद हो ,चर्च हो या राजनीतिक मंच हो सबजगह पिछली सरकार ने कुछ नहीं किया। आप बताये कितनी रेलवे की स्टेशन बनवायी ,कौन सा सेटेलाइट इनके ज़माने में बने। अरे बाबा आपने क्यों काँटों का ताज़ पहना क्योकि आप जीते। जो कर रहे हो कोई अहसान नहीं कर रहे हो और कोई ईमानदारी से नहीं कर रहे हो। इतना पैसा आखिर चुनाव के लिए कहाँ से खरच कर रहे हो।
आप बुद्धिमान तो हैं पर समझदार बने हर स्थान पर कीचड उछालना ठीक नहीं। धरम क्षेत्र में जो सीख मिले उस पर थोड़ा अमल करे अन्यथा बोलने से की अर्थ नहीं निकलता।
वो मुझे दुश्मनी से देखते हैं देखते तो हैं !
मुझे हैरत हैं क्यों कर, उन्होंने मुझे पहचाना क्यों ?