मुलायम और लालू की मुलाकात के पीछे की असल वजह, पढ़िए ये खबर

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election-2022) को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई. सोमवार को देश के दो वरिष्ठ राजनेताओं ने एक दूसरे से मुलाकात की है. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने अपने राजनीतिक साथी और रिश्तेदार उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) से दिल्ली में मुलाकात की. इस दौरान मुलायम के पुत्र और उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव भी मौजूद थे.

यूपी के वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक रतन मणि लाल ने बताया कि उत्तर प्रदेश में सपा अगले चुनाव में भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनने के लिए छोटे बड़े दलों को साथ लेने की कोशिश मे जुट गई है. उधर, राजद उत्तर प्रदेश में अपनी उपस्थिति बनाए हुए है और उससे तालमेल बनाए रखना सपा के लिए फायदेमंद ही होगा.

रतन मणि लाल ने बताया कि मुलायम और लालू की मुलाकात का यही उद्देश्य लगता है. अगर चुनाव के लिए सपा द्वारा बसपा और कांग्रेस को दी गई सलाह का भी कोई असर होता है, तो आने वाले 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा को और मजबूती मिलेगी. बीते दिनों राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से मिलने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सुप्रीमो शरद पवार, सपा महासचिव रामगोपाल यादव और कांग्रेस नेता अखिलेश प्रसाद सिंह पहुंचे थे.

दोनों नेताओं की भेंट पर सपा प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि जेपी आंदोलन के दौर के साथी है मुलायम- अखिलेश. 30 से 40 साल का साथ है दोनों वरिष्ठ नेताओं का. उन्होंने कहा कि अभी कुछ दिनों पहले चारा घोटाले से जुड़े मामले में जमानत मिलने के बाद लालू जी स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं.

यह कहा जाए कि आज दोनों नेता इस वक्त स्वास्थ्य लाभ ले रहे है. भदौरिया कहते हैं कि जब दो बड़े दिग्गज नेता मिलते है कि एक दूसरे का हाल-चाल के साथ राजनीतिक मुद्दों पर बातचीत होना लाजमी है.

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मालूम हो कि चारा घोटाले से जुड़े मामले में जमानत मिलने के बाद से लालू प्रसाद दिल्ली में ही हैं. वो दिल्ली में स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं, साथ ही सक्रिय राजनीति में भी जल्द ही वापस लौटने के संकेत भी दे रहे हैं. लालू के साथ मुलायम की इस मुलाकात के पहले विभिन्न दलों के कई और राजनेता भी लालू प्रसाद यादव से मिल चुके हैं.

उत्तर प्रदेश में अगले साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इन दोनों नेताओं की मुलाकात के सियासी मायने भी तलाशे जाने लगे हैं. वहीं सोनिया गांधी के रिश्ते लालू यादव से मधुर रहे है.

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