नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2020-21 में फरवरी तक चीनी मिलों पर किसानों का बकाया करीब 19.27% बढ़ गया है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएसन (इस्मा) के मुताबिक बकाया बढ़कर 22.9 हजार करोड़ रुपए हो गया है। पिछले साल की समान अवधि में यह 19.2 हजार करोड़ रुपए था।
कमजोर दाम ने स्थिति बिगाड़ा
एसोसिएशन का कहना है कि चीनी के कमजोर दाम के चलते चीनी मिलों की नकदी की स्थिति गड़बड़ाई है। हालांकि इस्मा को उम्मीद है कि सरकार चीनी मिलों की स्थिति में सुधार के लिए चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य यानी MSP को मौजूदा स्तर से बढ़ाएगी।
चीनी मिलों की स्थिति सुधरना जरूरी
इस्मा ने एक बयान में कहा कि चीनी मिलों की राजस्व प्राप्ति में सुधार लाना जरूरी है, नहीं तो अगर मौजूदा स्थिति और बिगड़ती है तो गन्ना उत्पादन किसानों बकाया तेजी से बढ़ेगा।
गन्ना उत्पादन में महाराष्ट्र सबसे आगे
चीनी उत्पादन डेटा के मुताबिक मार्च तक उत्पादन 27.75 मिलियन टन रहा, जो पिछले साल 23.31 मिलियन टन रहा था। देश में सबसे ज्यादा गन्ना उत्पादन महाराष्ट्र में हुआ। यह 5.9 मिलियन टन से बढ़कर 10 मिलियन टन हो गया। इसके बाद उत्तर प्रदेश और कर्नाटक का नंबर आता है।
इस्मा के मुताबिक 2020-21 सीजन के देशभर में कुल गन्ना उत्पादन 30.2 मिलियन टन हो सकता है, जो 2019-20 सीजन में 27.42 मिलियन टन रहा था।