मेरठ। लाॅकडाउन के कारण बंद पड़े उद्योगों को फिर से चालू करने की कवायद रंग ला रही है। नगर निगम के चार वार्डों को कंटेनमेंट जोन से बाहर करने के बाद उनमें स्थित उद्योगों का पहिया घूमने लगा है। इन उद्योगाें को चलाने के लिए श्रमिकों की कमी सामने आ रही है। कोरोना संक्रमण के कारण मेरठ जिला रेड जोन में शामिल किया गया है। इस कारण यहां पर औद्योगिक गतिविधियां शुरू नहीं की जा सकती। दो महीने से ज्यादा समय से बंद उद्योगों को चालू करने के लिए प्रशासन ने नगर निगम के चार वार्डों को कंटेनमेंट जोन से बाहर कर दिया। इससे इन क्षेत्रों में स्थित उद्योगों के चलने का रास्ता साफ हो गया।
इसके बाद उद्योगपतियों ने मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में बनी उद्योग संचालन समिति से अनुमति हासिल करना शुरू कर दिया है। जिन उद्योगों को चलने की अनुमति मिल गई है, उन्होंने मशीनों की साफ-सफाई के बाद फैक्टरियों को चलाना शुरू कर दिया है। मेरठ में चलने वाले ज्यादातर उद्योगों में स्थानीय या आसपास के जिलों के रहने वाले श्रमिक है। उद्यमियों ने उन्हें बुलाकर काम करना शुरू कर दिया है।
शारीरिक दूरी का रखा जा रहा ध्यान
मेरठ में कुछ खेल उपकरण बनाने वाले उद्योगों में काम शुरू हो गया है तो कुछ खाद्य प्रसंस्करण बनाने वाली फैक्ट्री भी शुरू हो गई है। मोहकमपुर स्थित केक्टाॅक्स स्पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के संचालक विनीत डावर का कहना है कि उद्योगों को चलाने में श्रमिकों के बीच शारीरिक दूरी के मानकों का पालन कराया जा रहा है। इसके साथ ही फेसमास्क और सेनेटाइजर का भी प्रयोग हो रहा है।
अब माल की खपत की आएगी समस्या
मेरठ की फैक्टरियों में उत्पादन तो शुरू हो गया, लेकिन उद्यमियों के सामने आए अब तैयार माल की खपत की समस्या पैदा हो गई है। लाॅकडाउन के कारण माल के आवागमन में दिक्कत को देखते हुए उनकी खपत करना बहुत मुश्किल लग रहा है। एक्सपोर्ट कारोबारी उमेश अग्रवाल शारदा का कहना है कि पुराने आॅर्डर पूरे नहीं होने के कारण दिक्कत आ रही है। फिर भी वह काम करके प्रयास कर रहे हैं।
सभी नियमों का करना होगा पालन
मेरठ के उपायुक्त उद्योग वीके कौशल का कहना है कि जिन उद्योगों को संचालन की अनुमति मिल गई है, उन्हें केंद्र व राज्य सरकार के कोरोना से संबंधित सभी नियमों का पालन करना होगा। ऐसा नहीं करने वाले उद्योगों की अनुमति निरस्त कर दी जाएगी।