लखनऊ। यूपी उपचुनाव के लिए बीजेपी पूरी ताकत झोंक रही है। भारतीय जनता पार्टी ने मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव, रामपुर और खतौली विधानसभा उपचुनाव के उपचुनाव में फतह के लिए ट्रिपल लेयर चक्रव्यूह तैयार किया है। यूपी उपचुनाव की कमान खुद सीएम योगी ने संभाल ली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तीनों सीटों पर प्रचार करेंगे। मैनपुरी, रामपुर और खतौली में चुनावी जनसभाओं को संबोधित करेंगे।
भाजपा ने केंद्रीय मंत्रियों को मैदान में उतारने तैयारी की है। यहीं नहीं तीनों सीटों पर प्रचार के लिए योगी के मंत्रियों की पूरी फौज मैदान में होगी। इसमें मंत्रियों को अलग-अलग सीटों की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इसके साथ बूथ संभालने के लिए संगठन के पदाधिकारियों को लगाया जाएगा। पदाधिकारी भी घर घर जाकर संपर्क करेंगे। मंत्री गली मोहल्लों में उनकी जाति से जुड़े लोगों की बैठक कर समर्थन जुटाएंगे।
सपा नेता मोहम्मद आजम खान के धुर विरोधी आकाश सक्सेना पर एक बार फिर भाजपा ने भरोसा जताया है। आजम खान को 27 माह तक सलाखों के पीछे रखवाने से लेकर सजा कराने तक में भाजपा युवा नेता आकाश सक्सेना का बड़ा हाथ रहा है। दो पैन कार्ड, दो पासपोर्ट, दो जन्म प्रमाण पत्र समेत कई मामलों में आकाश सक्सेना सीधे-सीधे मुकदमे में वादी हैं तो कई में कोर्ट में आजम और उनके परिवार पर चार्जफ्रेम कराने में मजबूत गवाही दे चुके हैं।
जौहर विश्वविद्यालय से जमीनें छिनवाने में भी आकाश का ही हाथ रहा है, उन्होंने न सिर्फ शिकायतें कीं बल्कि, राजस्व परिषद तक केस के मुख्य निगरानीकर्ता रहे। आजम से आकाश की यह अदावत जगजाहिर है। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व भी इस बात को अच्छी तरह से जानता और समझता है। तभी तो आकाश सक्सेना पर कोई बड़ा पद न होते हुए भी वाई श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है। अब जब टिकट का नंबर आया तो आकाश सक्सेना पर ही पार्टी शीर्ष नेतृत्व ने दोबारा भरोसा जताया है।
मुलायम सिंह की विरासत की कमान पुत्रवधू डिंपल यादव को सौंपी गई तो भगवा खेमे ने एक बार फिर शाक्य प्रत्याशी पर दांव खेल दिया। अब भाजपा ने भी शाक्य कार्ड खेलकर मैनपुरी फतह का जो दांव खेला है उसके परिणामों का पूरे जिले को इंतजार रहेगा। जहां तक मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र में जातिगत गणित का सवाल है तो 17 लाख से अधिक मतदाताओं वाले इस लोकसभा क्षेत्र में करहल, जसवंतनगर, किशनी, भोगांव और मैनपुरी सदर विधानसभा क्षेत्र आते हैं।
लोकसभा के 17 लाख मतदाताओं में एक ही जाति की बात करें तो लगभग 4.30 लाख यादव मतदाताओं के बाद दूसरा नंबर 2.90 लाख शाक्य मतदाताओं का आता है। इसके बाद सभी दलित जातियों के वोट भी लगभग 1.80 लाख के आसपास हो जाते हैं। 2 लाख से अधिक क्षत्रिय और एक लाख 20 हजार से अधिक ब्राह्मण वोटों की भी तादात है। 60 हजार मुस्लिम, 70 हजार वैश्य, एक लाख से अधिक लोधी मतदाता भी चुनाव को प्रभावित करता है।