लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काशी दौरे के बाद उत्तर प्रदेश में सियासी हलचलें तेज हो गईं हैं। BJP से नाराज हिंदू वोटर्स को खुश करने के लिए समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने भी बाबा विश्वनाथ की चौखट पर जाने का फैसला लिया है। बताया जाता है कि जल्द ही कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव काशी का दौरा करेंगे।
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद और यूपी प्रभारी संजय सिंह के भी काशी पहुंचने की संभावना है। हालांकि, अभी तीनों नेताओं के आने की तारीख तय नहीं हुई है। लेकिन ये दावा किया जा रहा है कि इस बार सावन के महीने में अलग-अलग राजनीतिक दलों के ये नेता हिंदू वोटर्स को खुश करने के लिए शिव आराधना के लिए काशी पहुंचेंगे। यहीं से सभी विपक्षी दल BJP और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने का काम भी करेंगे।
विश्वनाथ दल के न्यौते पर अखिलेश
यदुवंशियों का संगठन काशी विश्वनाथ दल वर्ष 1952 से सावन के पहले सोमवार को श्री काशी विश्वनाथ का जलाभिषेक करता चला आ रहा है। बीते दिनों दल के जंत्रलेश्वर यादव लखनऊ जाकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को यदुवंशियों के जत्थे में शामिल होकर श्री काशी विश्वनाथ का जलाभिषेक करने का न्यौता दिया था।
जंत्रलेश्वर के न्यौते को स्वीकार अखिलेश ने काशी आने की हामी भरी थी। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री की सभा के बाद अखिलेश का यह अहम दौरा होगा और वह पार्टी के पूर्वांचल के प्रमुख नेताओं से चुनावी रणनीति पर चर्चा करेंगे। इसके साथ ही वह यह फाॅर्मूला भी बताएंगे कि भाजपा को वाराणसी सहित पूर्वांचल के अन्य जिलों में कैसे घेरना है।
दर्शन-पूजन के साथ प्रियंका पुराने कांग्रेसियों से मिलेंगी
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सावन माह में श्री काशी विश्वनाथ का दर्शन-पूजन करने के साथ ही प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के गांवों में रहने वाले कांग्रेस के पुराने नेताओं से मुलाकात करेंगी। कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि फिलहाल उनके आने की तिथि तय नहीं हैं।
मगर, वह सावन में ही काशी आएंगी और काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन के साथ ही अन्नपूर्णा मंदिर के महंत रहे रामेश्वरपुरी को श्रद्धा सुमन अर्पित करने जाएंगी। इसके बाद वह वाराणसी और आसपास के अन्य जिलों के गांवों का भ्रमण कर पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं, महिलाओं, युवाओं और किसानों से संवाद करेंगी।
पूर्वांचल को सियासत का केंद्र बनाएगी आप
उधर, उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में जोर आजमाइश का ऐलान कर चुकी आम आदमी पार्टी पूर्वांचल में वाराणसी को ही अपनी सियासत का प्रमुख केंद्र बनाएगी। वर्ष 2014 में वाराणसी से लोकसभा चुनाव हारने के बाद आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल दोबारा यहां कभी नहीं आए।
मगर, राज्यसभा सांसद संजय सिंह लगातार वाराणसी आकर अलग-अलग मुद्दों को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधते रहे हैं। आप के नेताओं ने बताया कि संजय सिंह भी जल्द ही वाराणसी आएंगे और आगामी चुनाव की रणनीति पर पार्टी के पूर्वांचल के नेताओं से चर्चा करेंगे।