नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लद्दाख दौरे के बाद सोशल मीडिया पर एक नई बहस शुरू हो गई है, यह है मोदी बनाम मनमोहन। पीएम मोदी शुक्रवार को लद्दाख पहुंचे और चीनी सैनिकों के साथ हाल ही में हुई झड़प में घायल हुए सैनिकों से मिले। यहीं से बहस को हवा मिली और ट्विटर पर चर्चा की वजह बनी सादगी बनाम पब्लिसिटी। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स पीएम मोदी के दौरे को पब्लिसिटी बता रहे हैं तो वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से सैनिकों की मुलाकात को सादगी का नाम दे रहे हैं।
वो ट्वीट जिससे बहस शुरू हुई, पहला ट्वीट शुक्रवार रात को हुआ
ट्विटर पर गीत वी नाम हैंडल से शुक्रवार रात को एक ट्वीट हुआ। इसमें लिखा, एक ये पीएम (मनमोहन सिंह) थे जो लद्दाख पहुंचकर कर हमारे सैनिकों से मिले। उनकी उम्र मोदी से काफी अधिक थी। उनके पास कैमरामैन की टीम नहीं थी जो इनके दौरे को टीवी पर टेलीकास्ट करे, जब उन्होंने लद्दाख में घुसपैठ की तो चीनियों को पीछे हटा दिया।
दूसरा ट्वीट शनिवार को सुबह हुआ
गीत वी ने दूसरे ट्वीट में लिखा, 2005 में डॉ. मनमोहन सिंह 12000 फीट ऊंचाई पर सियाचिन में जाने वाले पहले प्रधानमंत्री बने। उस समय उनकी उम्र 73 साल थी और कार्डियक बायपास सर्जरी हुई थी। वहां कोई मीडिया सर्कस नहीं हो रही थी।
कैमरा नहीं था तो फोटो कहां से आई?
ट्वीट पर कमेंट करते हुए एक यूजर ने लिखा, मैडम! फोटो क्या सैटेलाइट से ली है, बिना कैमरा के। दूसरे यूजर ने लिखा, अच्छा ये प्रधानमंत्री थे, फिर जो राहुल गांधी ने सरेआम मंच पर इनके द्वारा लाया ऑर्डिनेंस फाड़ा था वो कौन था, सुपर प्रधानमंत्री।
मनमोहन की सर्जरी 2005 में नहीं 1990 में हुई
एक यूजर ने गीत वी को टैग करते हुए लिखा, कृपया झूठ बोलना बंद कीजिए। मनमोहन सिंह की बायपास सर्जरी 1990 में हुई और 2004 में स्टेंट पड़े थे। दूसरी बायपास सर्जरी 2009 में हुई। अपने सोर्स को चेक करें। वो सियाचिन 2005 में गए थे। एक अन्य यूजर ने गीत वी को आंड़े हाथ लेते हुए मीडिया सर्कस का नाम दिया।
आप पार्टी की नेशनल सोशल मीडिया टीम से आरती ने ट्वीट करते हुए लिखा, यह देश के साथ धोखा है, फोटो खिंचवाने के लिए कॉन्फ्रेंस रूम को हॉस्पिटल में कंवर्ट किया गया। वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा, हॉस्पिटल में शूटिंग के लिए सेट-अप तैयार करना पड़ता है। हॉस्पिटल में घायल सैनिकों के बेड ऐसे नहीं बदलते।
सोशल मीडिया पर लोग दावा कर रहे है कि पीएम मोदी जिस हॉस्पिटल में गए वहां न तो कोई मेडिकल इक्विपमेंट था, न ऑक्सीजन सिलेंडर और न ही वेंटिलेटर।