नई दिल्ली। 4 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में वोटिंग के बीच भाजपा मंगलवार को अपना 41वां स्थापना दिवस मना रही है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर के पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। मोदी ने कहा कि पार्टी की स्थापना के आज इकतालीस पूरे हो रहे हैं। ये इकतालीस साल इस बात के साक्षी हैं कि सेवा और समर्पण के साथ कोई पार्टी कैसे काम करती है। किसी कार्यकर्ता का तप और त्याग किसी दल को कहां से कहां पहुंचा सकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई जिला ऐसा नहीं होगा जहां किसी कार्यकर्ता की दो-तीन पीढ़ियां नहीं खप गई हों। ऐसे हर कार्यकर्ता को पार्टी नमन करती है और अटल जी, श्माप्रसाद मुखर्जी, आदरणीय आडवाणी जी, आदरणीय मुरली मनोहर जोशी जी जैसे नेताओं का हमें मार्गदर्शन मिलता रहा है। उन्हें मैं प्रणाम करता हूं।
मोदी ने कहा कि व्यक्ति से बड़ा दल और दल से बड़ा देश, यह भाजपा की परंपरा रही है। श्यामाप्रसाद जी के सपने की ही ताकत थी जो हम आर्टिकल 370 को हटाकर कश्मीर को संवैधानिक अधिकार दे पाए। अटल जी ने एक वोट से सरकार गिरने के फैसले को स्वीकार किया। हमारे यहां राजनीतिक स्वार्थ के लिए दलों के टूटने की अनेकों घटनाएं हैं, लेकिन देश के लिए दलों के विलय को जनसंघ ने कर के दिखाया।
1980 में हुई थी पार्टी का स्थापना
- भाजपा की स्थापना 6 अप्रैल 1980 को हुई, लेकिन इसका इतिहास भारतीय जनसंघ से जुड़ा है। डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर कथित अत्याचार पर भारत के चुप रहने पर जवाहरलाल नेहरू मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया और 21 अक्टूबर 1951 को भारतीय जनसंघ की स्थापना की।
- 1967 में भारतीय जनसंघ एवं दीनदयाल उपाध्याय के नेतृत्व में कई राज्यों में कांग्रेस का एकाधिकार टूटा और कांग्रेस को राज्यों में हार मिलनी शुरू हुई। 1977 में इंदिरा गांधी ने आपातकाल खत्म कर चुनाव कराने का फैसला किया तो जयप्रकाश नारायण के आह्वान पर सभी कांग्रेस-विरोधी दल एकजुट हुए और ‘जनता पार्टी’ बनाई। भारतीय जनसंघ का जनता पार्टी में विलय 1 मई 1977 को हुआ।
- जनता पार्टी का प्रयोग ज्यादा दिन नहीं चला। आपसी प्रतिस्पर्धा भी बढ़ गई। कहा गया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबंध रखने वाले जनता पार्टी में नहीं रहेंगे। तब 6 अप्रैल 1980 को नए संगठन के तौर पर भारतीय जनता पार्टी बनी। अटल बिहारी वाजपेयी पहले अध्यक्ष बने।