मोदी ने की कोविड-19 पर माइक्रोसोफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स से की वीडियो कॉन्फ्रेंस

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सह-अध्यक्ष बिल गेट्स के साथ बातचीत की। दोनों ने कोविड -19 महामारी का मुकाबला करने के लिए वैश्विक प्रतिक्रिया और वैज्ञानिक नवाचार व आरएंडडी पर वैश्विक समन्वय के महत्व पर चर्चा की। प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य संकट के खिलाफ अपनी लड़ाई में भारत दृष्टिकोण को साझा किया जिसमें उचित संदेश के माध्यम से लोगों में एकजुटता पैदा करना भी शामिल है। उन्होंने बताया कि जमीनी स्तर पर लोगों को साथ लेने के इस दृष्टिकोण से फ्रंट-लाइन कार्यकर्ताओं के लिए सम्मान, मास्क पहनने, उचित स्वच्छता बनाए रखने और लॉकडाउन प्रावधानों का सम्मान कराने में मदद मिली।

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अनुसार, प्रधानंमत्री नरेंद्र मोदी ने बिल गेट्स को बताया कि किस तरह भारत ने कोरोना वायरस महामारी के साथ लड़ाई में सतत जन संवाद का इस्तेमाल एक प्रभावी औजार की तरह किया है। इससे देश की जनता को स्वच्छता अचार अपनाने, स्वास्थ्यकर्मियों के मास्क पहनने और लॉकडाउन के नियमों का पालन करवाने में बहुत सहायता मिली है। पीएम मोदी ने बिल गेट्स से मांगे सुझाव पीएम मोदी ने बातचीत के दौरान गेट्स फाउंडेशन के अलावा दुनिया के कई अन्य हिस्सों में किए जा रहे स्वास्थ्य संबंधी कार्यों की सराहना की। साथ ही पीएम ने गेट्स फाउंडेशन को लोगों के जीवनशैली बदलावों, आर्थिक संगठन, सामाजिक व्यवहार आदि में हुए बदलाव के अध्ययन का सुझाव दिया।
इस दौरान पीएम मोदी ने बिल गेट्स से सुझाव मांगे कि कैसे भारत की क्षमताओं को दुनिया के फायदे के लिए बेहतर तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है। पीएम नरेंद्र मोदी और बिल गेट्स के बीच हुई बातचीत में दुनियाभर लाभ के लिए भारत की क्षमताओं के इस्तेमाल जैसे सब्जेक्ट पर भी बातचीत हुई। इसमें जिन आइडिया पर बात हुई उनमें, आखिरी छोर तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचने का प्रयास, सरकार द्वारा विकसित मोबाइल एप से कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग और इन सबसे अधिक अहम, भारत के दवा उद्योग की क्षमताओं का इस्तेमाल कर उत्पादन बढ़ाने जैसे उपाय शामिल हैं। ऐसे में आवश्यक है कि भारत कोरोना वायरस (कोविड-19) पर होने वाली वैश्विक संवाद प्रक्रिया का हिस्सा बना रहे।
गेट्स ने इस बात पर सहमति जताई कि वैश्विक प्रयासों में योगदान देने की भारत की इच्छा और क्षमता को देखते हुए महामारी के खिलाफ लड़ाई से जुड़ी वैश्विक चर्चाओं में उसे शामिल किया जाए।

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