पटना: आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर हर दल कोई कार्ड खेल रहा है तो कुछ दल जीत के समीकरण तलाश रहे हैं। बीजेपी राम मंदिर के सहारे हिंदू कार्ड चल रही है तो विरोध की राजनीति करते आरजेडी अपना वोट बैंक मजबूत करने को सेकुलर कार्ड खेलने का मौका भी अपने हाथ से जाने नहीं दे रही है। वैसे आरजेडी का सेकुलर कार्ड मुस्लिम मतों को प्रभावित भी करते आया है। यही वजह भी है कि आरजेडी 90 के दशक से अब तक एमवाई (मुस्लिम+यादव) समीकरण को जोड़ कर रखने में कामयाब रही है।
दरअसल, अयोध्या में बने राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर सियासी बयानबाजी चरम पर है। बीजेपी इसे अप्रत्यक्ष रूप से राजनीतिक मुद्दा बना रही है तो प्रत्यक्ष रूप से इस बहाने भावनात्मक बयार बहाने की कोशिश भी कर रही है। इसके लिए कहीं से अक्षत चंदन, कहीं से मिट्टी तो कहीं से गंगा जल लाने का आह्वाहन कर जन-जन को बीजेपी की तरफ आकर्षित भी कर रही है।
उद्घाटन वाले दिन देश भर में दीपक प्रज्ज्वलित करने का जो आह्वान किया था उससे भी बीजेपी का मकसद पूरा होते दिखता है। इस बढ़ रही हिंदू गोलबंदी के विरुद्ध मुस्लिम मतों को जागृत करने का एक मात्र तरीका था नरेंद्र मोदी के हिंदुत्व का विरोध। यही वजह भी है कि उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी राम मंदिर के बहाने बीजेपी और पीएम मोदी पर हमला बोला डाला है। इस भव्य मंदिर निर्माण को लेकर तेजस्वी ने तो यहां तक कह डाला कि भगवान राम चाहते तो हर जगह अपना महल नहीं बनवा लेते।
लेकिन आत्ममुग्ध हो चुके नरेंद्र मोदी राम मंदिर को लेकर इस तरह से बयान दे रहे हैं कि वही राम भगवान को घर दे रहे हैं, महल बनवा रहे, मंदिर बनवा रहे हैं। पीएम मोदी तो राम मंदिर के बहाने अपने दल का प्रचार कर रहे हैं। श्रद्धा मन और दिल में होनी चाहिए। नियत साफ होनी चाहिए। गलत काम करते रहेंगे, पाप करते रहेंगे और राम-राम जपते रहेंगे तो राम आप पर कृपा नहीं करेंगे।
तेजस्वी ने पीएम मोदी से पूछे सवाल
तेजस्वी यादव ने इस बहाने जनता के सामने कई सवाल भी खड़े कर डाले। आप बीमार पड़ जाएंगे तो कहां जाएंगे मंदिर या अस्पताल। पढ़ाई की जरूरत होगी तो कहां जाएंगे स्कूल या मंदिर। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी मिलावटी झूठ बोलने के होलसेलर, डिस्ट्रीब्यूटर हैं।
तेजस्वी ने अपना चुनावी मुद्दा भी रखा
तेजस्वी ने कहा कि ईडी और सीबीआई से राजनीतिक कार्रवाई कराने वाली सरकार से हमारा विरोध नहीं। हमारी लड़ाई भी नरेंद्र मोदी या अमित शाह से नहीं है। हमारी लड़ाई दुश्मनी बेरोजगारी, महंगाई, फरेबी, झूठ और भ्रष्टाचार से है। इसलिए बिहार सरकार ज्यादा से ज्यादा रोजगार देने का काम तेजी से कर रही है।
नीतीश और लालू प्रसाद की अग्नि परीक्षा
बीजेपी भी राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव को भी राम भक्ति के तराजू पर तौलने की तैयारी भी कर ली है। मिली जानकारी के अनुसार राम मंदिर दर्शन के लिए नीतीश कुमार व लालू यादव को आमंत्रण भेजने की तैयारी कर ली गई है। यह आमंत्रण पत्र लेकर कामेश्वर चौपाल जायेंगे। चौपाल ने इन दोनों से मिलने के लिए समय भी मांगा है।
राम मंदिर की पहली ईंट रखने वाले कामेश्वर चौपाल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव को पत्र लिखा है। उस पत्र में नीतीश और लालू से मिलने के लिए कामेश्वर चौपाल ने मिलने के लिए समय मांगा है। लेकिन अब तक लालू-नीतीश की ओर से किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं आई है। जैसे ही लालू-नीतीश कामेश्वर चौपाल को मिलने के लिए बुलाएंगे। ये वहां पहुंचकर उनको आमंत्रण देंगे।