मोहन भागवत पर इसलिए भड़के राहुल गांधी

कांग्रेस के नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत उस बयान का कड़ा विरोध किया है, जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत कह रहे हैं कि भारत को आजादी राम मंदिर बनने के बाद मिली। राहुल गांधी ने उनके इस बयान को राजद्रोह के समान बताया है।

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कांग्रेस  पार्टी के नए मुख्यालय के उद्घाटन पर पार्टी से जुड़े नेताओं को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने यह भी कहा, “मोहन भागवत हर 2-3 दिन में देश को यह बताने की हिम्मत रखते हैं कि देश की आजादी के आंदोलन और संविधान के बारे में वह क्या सोचते हैं। उन्होंने कल जो कहा वह देशद्रोह की तरह है क्योंकि इसमें कहा गया कि संविधान अमान्य है. अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई अमान्य थी।”

उन्हें (भागवत को) सार्वजनिक रूप से यह कहने की हिम्मत है, किसी अन्य देश में ऐसा होता तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता और उन पर केस चलाया जाता। यह कहना कि भारत को 1947 में आजादी नहीं मिली, हर एक भारतीय व्यक्ति का अपमान है। अब समय आ गया है कि हम इस बकवास को सुनना बंद करें, क्योंकि ये लोग सोचते हैं कि वे बस रटते रहेंगे और चिल्लाते रहेंगे।”

प्रमुख मोहन भागवत ने क्या कहा था

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने  कहा था कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि प्रतिष्ठा द्वादशी के रूप में मनाई जानी चाहिए क्योंकि कई सदियों से दुश्मन का आक्रमण झेलने वाले देश को असली आजादी इसी दिन हासिल हुई थी।”

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