गाजियाबाद। गाजियाबाद जिले के डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती के एक ट्वीट से पुलिस के होश उड़ गए। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर दावा किया कि एक विदेशी समेत तीन मुसलमान उनकी हत्या के लिए उनके कार्यक्रम में घुस आये। बुलंदशहर पुलिस ने महंत के ट्वीट का खंडन करते हुए मामले को झूठा बताया और जानकारी दी कि कार सवार तीनों लोग कारोबारी है।
बुलंदशहर के रामघाट इलाके में यति नरसिंहानंद सरस्वती का कार्यक्रम था। यहां वनखंडेश्वर महादेव मंदिर पर पांच दिवसीय बगलामुखी महायज्ञ का अनुष्ठान चल रहा है। मुरादाबाद से कार सवार तीन कारोबारी अलीगढ़ की ओर जाने के लिए निकले, लेकिन रास्ता भटक गए। आसपास गंगानदी का किनारा होने की वजह से उन्हें रास्ता नहीं मिल सका और वह यति के कार्यक्रम स्थल की ओर जा पहुंचे।
रास्ता भटक गए थे कार सवार
कार सवारों ने स्थानीय लोगों से रास्ता पूछा। तभी किसी ने नरसिंहानंद को खबर कर दी कि कुछ लोग रास्ता पूछते हुए इधर आ गये हैं। लंबे समय से कथित धमकियां झेल रहे यति नरसिंहानंद इससे विचलित हो गये और उन्होंने पुलिस को खबर कर दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने कार सवारों को हिरासत में लेकर उनकी पड़ताल की। कार की पुलिस ने गहन तलाशी भी ली।
पुलिस की जांच में पाया गया कि कार में सवार तीनों लोग बैंगलूरू निवासी बैट्री कारोबारी हैं और मुरादाबाद में कारोबार करते हैं। वह मुरादाबाद से बैंगलूरू जाने के लिए निकले थे, लेकिन रास्ता भटक गए। कुछ लोगों ने गलत रास्ता बताया और वह यति के कार्यक्रम स्थल तक पहुंच गए।
महंत यति के खिलाफ साजिश का संबंध नहीं
मामले में सीओ वंदना शर्मा ने बताया कि, गहन जांच के बाद उनका संबंध किसी भी साजिश से नहीं निकला है। उनके पास कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला है। यति नरसिंहानंद सरस्वती ने इस बारे में अपने ट्विटर हैंडल पर जो पोस्ट किया, वह भी पुलिस जांच में झूठा पाया गया है।