यूपी के कारोबारियों को रास नहीं आ रहा लॉक डाउन और सरकारी नीतियां

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के शराब और बीयर विक्रेता अब कारोबार करने को तैयार नहीं हैं। कोरोना संकट की वजह से उपजे हालात में बढ़ती आर्थिक दिक्कतों के चलते शराब और बीयर की लगातार घटती जा रही बिक्री और प्रदेश सरकार की नई आबकारी नीति में देशी- अंग्रेजी शराब का निर्धारित कोटा हर हाल में उठाने की बाध्यता की वजह से इन विक्रेताओं को अब राज्य में मयखाने चलाने का कारोबार रास नहीं आ रहा है।

मॉडल शॉप, बीयर, देशी व अंग्रेजी शराब के फुटकर विक्रेताओं की हुई बैठक के बाद फुटकर दुकानों पर उपलब्ध पुराने स्टाक का वेरीफिकेशन होगा। इसके बाद यह विक्रेता जिला आबकारी कार्यालय पहुंचेंगे, जहां अपने पुराने स्टाक का ब्यौरा देने के साथ ही दुकान सरेंडर करने का पत्र भी सौंपेंगे।

ये भी आशंका जताई जा रही है कि लखनऊ समेत कई जिलों में शराब और बीयर की बिक्री ही न हो और दुकानें बंद रखी जाएं। शराब विक्रेता वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव कन्हैया लाल मौर्य एक सप्ताह पहले ही लखनऊ के जिलाधिकारी को पत्र सौंप चुके हैं।

इसके अलावा आबकारी विभाग के अन्य अफसरों के पास लखनऊ के अलावा अन्य जिलों से भी तमाम फुटकर विक्रेताओं के दुकान सरेण्डर करने की इच्छा जताते हुए पत्र पहुंच रहे हैं। इन पत्रों को लेकर विभाग में हड़कंप मच है।

विक्रेताओं का कहना है कि कोरोना संकट की वजह से उपजे आर्थिक हालात में अब शराब और बीयर की बिक्री मुनाफे का नहीं बल्कि भारी नुकसान का कारोबार हो गया है।

जो भी शराब व बीयर के फुटकर विक्रेता अपनी दुकानें चलाने के इच्छुक नहीं हैं। अगर वह अपनी दुकान सरेण्डर करेंगे तो हम उसे स्वीकार कर लेंगे। मगर इस मामले में हम उन्हें कोई रियायत नहीं देंगे। जो दुकानें सरेण्डर होंगी वह दूसरे इच्छुक कारोबारियों से आवेदन आमंत्रित करवाकर उन्हें आवंटित किए जाने की कार्यवाही की जाएगी।

संजय आर.भूसरेड्डी, प्रमुख सचिव आबकारी, यूपी

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here