यूपी के विधायक अमनमणि के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग, सरकार ने कहा-जरूरत नहीं

नैनीताल। उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित बाहुबली नेता अमरमणि त्रिपाठी के विधायक पुत्र अमन मणि त्रिपाठी के लाकडाउन के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिवंगत पिता के पितृकर्म के नाम पर बद्रीनाथ तक का पास जारी करने का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। देहरादून के आलोक घिल्डियाल की पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग संबंधी याचिका पर शुक्रवार को उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति रमेश खुल्बे की खंडपीठ में सुनवाई हुई।
इस दौरान अदालत ने याचिकाकर्ता को याचिका में उन अधिकारियों को पक्षकार बनाने को कहा, जो इसमें शामिल रहे। मामले की अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद होगी। आज सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से याचिका को खारिज करने योग्य करार देते हुए कहा कि इस मामले में उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश में विधायक व उनके साथियों के खिलाफ मामला दर्ज हो चुका है और यह केस सीबीआई को सौंपे जाने योग्य नहीं है। विधायक व साथियों को चमोली जिले के कर्णप्रयाग से ही लौटा दिया गया था।
उल्लेखनीय है कि विधायक अमनमणि व साथियों को दो से सात मई तक का पास जारी किया गया था और उनके पास बाकायदा उत्तराखंड के अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश और देहरादून के अपर जिलाधिकारी रामजी शरण के हस्ताक्षर से जारी अनुमति पत्र भी थे। उनके काफिले को चमोली जिले के कर्णप्रयाग में पुलिस ने रोका और कर्णप्रयाग के उप जिलाधिकारी ने नियम बताने की कोशिश की तो उनसे अभद्रता की गई। इस मामले में विपक्ष ने मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव और देहरादून के डीएम सहित कुछ और अफसरों पर अमनमणि त्रिपाठी को पास जारी करने को लेकर सवाल उठाते हुए उत्तराखंड सरकार की खूब घेराबंदी की। वापसी में उत्तर प्रदेश में प्रवेश करते ही विधायक को साथियों समेत गिरफ्तार किया गया था।

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