लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग के अधीन परिषदीय स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों का डाटा मानव संपदा पोर्टल और प्रेरणा ऐप पर अपलोड कराने के बाद नित नए फर्जीवाड़ा के मामले सामने आ रहे हैं। 3,342 शिक्षक ऐसे मिले हैं, जो एक ही पैन कार्ड पर वेतन ले रहे थे।
वहीं, 100 से अधिक ऐसे प्रकरण भी हैं, जिसमें दो शिक्षकों का वेतन एक बैंक खाते में जा रहा है। गृह विभाग ने मामले की जांच एसटीएफ को दी है। वहीं अपर मुख्य सचिव बेसिक रेणुका कुमार ने सभी जिलाधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं।
आईजी एसटीएफ अमिताभ यश ने बताया कि एक हजार से ज्यादा लोगों ने शिक्षा विभाग में पैनकार्ड बदलवाए हैं। यह खुलासा तब हुआ जब शिक्षक भर्ती को लेकर की गई जांच में यह पाया गया एक ही पैन कार्ड को तीन हजार शिक्षकों के डॉक्यूमेंट में इस्तेमाल किया गया। ऐसे में जिस व्यक्ति का पैन कार्ड इस्तेमाल किया गया, उसके पास इनकम टैक्स की नोटिस आ गई। जिसके बाद कुछ लोगों को जानकारी हुई। जिन लोगों ने पैन कार्ड बदलवाए हैं, उनकी डिटेल मांगी गई है।
4 जुलाई तक चलेगी समीक्षा
रेणुका कुमार ने सोमवार से नियुक्तियों की जांच की समीक्षा के संदर्भ में सभी जिलों को एजेंडा भेजा है। 4 जुलाई तक मंडलवार समीक्षा जिलों में बनी जांच कमेटियों के साथ की जाएगी। इसमें एसआईटी व एसटीएफ की जांच में फर्जी पाए गए शिक्षकों पर हुई कार्रवाई, कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में सत्यापन व उसके आधार पर की गई कार्रवाई और वेतन से जुड़े डाटा में गड़बड़ियों के आधार पर उठाए गए कदमों की समीक्षा शामिल है।
फर्जी शिक्षकों को बचाने के लिए एसआईटी के नाम पर फर्जीवाड़ा
यूपी के 60 फर्जी शिक्षकों को निर्दोष साबित करने के नाम पर बड़ा खेल एसआईटी के नाम पर हो रहा है। एसआईटी के नाम पर फर्जी पत्र के जरिए बीएड की फर्जी या टेम्पर्ड डिग्री से नौकरी पाने वाले शिक्षकों की जानकारी दिए जाने की बात कही जा रही है। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव गृह ने कहा कि, निदेशक बेसिक शिक्षा ने प्रदेश के सभी बीएसए को पत्र लिखा है कि, कोई भी सिफारिशी पत्र मिलने पर एसआईटी को जानकारी दी जाए और फर्जी पत्र मिलते ही एफआईआर दर्ज की जाए।