यूपी में चुनौतीपूर्ण होगा दूसरा चरण? जानें 2019 में क्या रहे थे नतीजे

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए चुनाव प्रचार आज थम गया है। दूसरे चरण में 89 लोकसभा सीटों पर वोट डाले जाएंगे। इनमें यूपी की फिर से 8 सीटें हैं जिसपर वोटिंग होनी है। पहले फेज में भी यूपी की 8 सीटों पर चुनाव हुए थे। पहले चरण में सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, नगीना, मुरादाबाद, रामपुर और पीलीभीत लोकसभा सीट पर 19 अप्रैल को वोट डाले गए थे। अब दूसरे फेज में पश्चिमी यूपी और बृज क्षेत्रों की सीटों पर 26 अप्रैल को मतदान है।

2019 में 8 में से 7 सीटों पर बीजेपी ने दर्ज की थी जीत

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में जिन सीटों पर चुनाव होना है उनमें अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़ और मथुरा संसदीय सीट शामिल हैं। पिछले चुनाव यानी 2019 की बात करें तो इस चरण की अमरोहा को छोड़कर बाकी सभी सीटें बीजेपी ने 2019 में जीती थी। अमरोहा सीट बसपा के खाते में गई थी। हालांकि, इस बार सियासी समीकरण बदल गए हैं। आरएलडी इस बार बीजेपी के साथ मिलकर चुनावी मैदान में उतरी है तो कांग्रेस के साथ सपा मिलकर चुनाव लड़ रही और बसपा अकेले दम पर किस्मत आजमा रही है।

यूपी के दूसरे चरण 8 में से सात सीट पर बीजेपी चुनाव लड़ रही है, जबकि बागपत सीट पर एनडीए गठबंधन में शामिल आरएलडी चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस इस चरण की आठ सीटों में से चार पर अपने उम्मीदवारों के साथ मैदान में है, जबकि शेष चार सीटों पर सपा ताल ठोंक रही है। कांग्रेस गाजियाबाद, मथुरा, बुलंदशहर, अमरोहा सीट पर चुनाव लड़ रही जबकि सपा नोएडा, अलीगढ़, बागपत और मेरठ सीट पर उम्मीदवार उतारे हैं।

अमरोहा लोकसभा सीट

अमरोहा सीट पर बीजेपी ने कंवर सिंह तंवर को टिकट दिया है, वहीं ने मौजूदा सांसद दानिश अली को एक बार फिर मैदान में उतारा है, वहीं बसपा ने मुजाहिद हुसैन पर विश्वास जताया है। इन तीनों के बीच यहां टक्कर देखी जा रही है। ये सीट मुस्लिम बहुल सीट मानी जाती है। साल 2019 की बात करें तो इस सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी दानिश अली ने 63,248 वोट अंतर से जीत दर्ज की थी, उन्होंने बीजेपी के कुंवर सिंह तंवर को हरायैा था।

मेरठ लोकसभा सीट

मेरठ लोकसभा सीट पर बीजेपी से अरुण गोविल मैदान में है, जो प्रसिद्ध धारावाहिक रामायण में प्रभु राम की भूमिका में दिख चुके हैं। सपा ने यहां से पूर्व विधायक योगेश वर्मा की पत्नी सुनीता वर्मा को अपना उम्मीदवार घोषित किया, तो बसपा से देवव्रत त्यागी किस्मत आजमा रहे हैं। पिछली बार मेरठ सीट पर बीजेपी ने मामूली वोटों से जीत दर्ज की थी, बीजेपी उम्मीदवार राजेंद्र अग्रवाल ने 4,729 वोट से जीत दर्ज की थी, बसपा के याकूब कुरैशी ने राजेंद्र अग्रवाल को कांटे की टक्कर दी थी। लेकिन इस बार बीजेपी ने यहां से मौजूदा सांसद राजेंद्र अग्रवाल का टिकट काटकर अरुण गोविल को उतारा है।

बागपत लोकसभा सीट

चौधरी चरण सिंह के परिवार का गढ़ रही इस सीट पर 47 वर्षों बाद इस परिवार का कोई सदस्य चुनाव नहीं लड़ रहा है। रालोद ने राष्ट्रीय सचिव राजकुमार सांगवान को उतारा है। सपा ने पहले पूर्व जिलाध्यक्ष मनोज चौधरी को और आखिरी दौर में साहिबाबाद के पूर्व विधायक अमरपाल शर्मा को उतार दिया। बसपा ने दिल्ली हाई कोर्ट के अधिवक्ता प्रवीण बंसल पर दांव लगाया है। 2019 चुनाव में यहां से बीजेपी ने जीत दर्ज की थी, बीजेपी प्रत्याशी सत्यपाल सिंह ने RLD के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी को 23,502 वोट से हराया था, लेकिन इस बार RLD और बीजेपी मिलकर इस सीट पर चुनाव लड़ रही है। ये सीट आरएलडी के पाले में आई है इसलिए यहां से RLD ने राजकुमार सांगवान को उतारा है।

गाजियाबाद लोकसभा सीट

गाजियाबाद लोकसभा सीट पर बीजेपी ने दो बार सांसद रहे वीके सिंह का टिकट काटकर अतुल गर्ग पर दांव लगाया है। वहीं, गठबंधन में ये सीट कांग्रेस के पाले में हैं। कांग्रेस ने डॉली शर्मा पर फिर भरोसा जताया है। बसपा ने अंशय कालरा का टिकट काटकर ठाकुर बहुल इस सीट पर इसी बिरादरी के नंद किशोर पुंडीर को मैदान में उतारकर मुकाबले को रोचक बनाने की कोशिश की है। बीजेपी पिछले तीन चुनाव से गाजियाबाद सीट जीत रही है। 2019 में ये सीट भी बीजेपी जीती थी, इस चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी वीके सिंह ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार सुरेश बंसल को 501500 वोट से हराया था। तीसरे नंबर पर कांग्रेस प्रत्याशी डॉली शर्मा रहीं जिन्हें 111,944 वोट मिले थे।

गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट

गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) लोकसभा सीट से बीजेपी ने लगातार दो बार सांसद बन रहे डॉ महेश शर्मा जीत की हैट्रिक लगाने के लिए उतरे हैं। सपा ने महेंद्र नागर को उतारा है तो बसपा ने पार्टी सुप्रीमो मायावती के गृह जिले की सीट से पूर्व विधायक राजेन्द्र सिंह सोलंकी को उतारा है। नोएडा लोकसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा है। 2019 में ये सीट भी बीजेपी के खाते में गई थी, बीजेपी उम्मीदवार महेश शर्मा ने बसपा के सतवीर को 3,36,922 वोट से हराया था।

बुलंदशहर लोकसभा सीट

बुलंदशहर सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। इस सीट पर भी पिछली दो बार से लगातार बीजेपी का कब्जा रहा है। बीजेपी ने एक बार फिर से भोला सिंह को मैदान में उतारा है तो बसपा ने नगीना सीट से सांसद गिरीश चंद्र पर दांव खेलकर मुकाबले को रोचक बना दिया है। इंडिया गठबंधन में ये सीट कांग्रेस के खाते में गई है। कांग्रेस ने ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सदस्य और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव शिवराम वाल्मीकि को प्रत्याशी बनाया है। 2009 को छोड़कर 1991 से लगातार बीजेपी बुलंदशहर सीट को जीत रही है। 2019 में बीजेपी के भोला सिंह ने बसपा के योगेश वर्मा को 2,90,057 वोट से हराया था।

अलीगढ़ लोकसभा सीट

अलीगढ़ लोकसभा सीट से बीजेपी ने वर्तमान सांसद सतीश गौतम को उतारा है। बसपा ने यहां मुस्लिम प्रत्याशी गुफरान नूर का टिकट काटकर बीजेपी से ही आए हितेंद्र कुमार को टिकट दिया है। वहीं समाजवादी पार्टी से जाट बिरादरी के बिजेंद्र सिंह मैदान में है। अलीगढ़ सीट पर सर्वाधिक मुस्लिम मतदाता हैं। 2019 में बीजेपी के सतीश गौतम ने बसपा के अजीत बालियान को 2,29,261 वोट से हराया था।

मथुरा लोकसभा सीट

मथुरा लोकसभा सीट हाईप्रोफाइल सीट मानी जाती है। इस सीट से लगातार दो बार फिल्म अभिनेत्री से नेता बनीं हेमा मालिनी चुनाव जीत रही है। इस बार फिर से बीजेपी ने उन्हें चुनावी मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने मथुरा सीट से मुकेश धनगर को टिकट दिया है। बहुजन समाज पार्टी ने यहां जाट बिरादरी से आने वाले आईआरएस रहे सुरेश सिंह को प्रत्याशी बनाया है। यह सीट जाट बहुल मानी जाती है, जहां से बसपा के जाट प्रत्याशी उतारने से मुकाबला रोचक हो गया है। 2019 में हेमा मालिनी ने रालोद प्रत्याशी कुवर नरेंद्र सिंह को 2,93,471 वोट से हराया था।

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