लखनऊ। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का उत्तर और दक्षिण भारत की राजनीति पर दिए गए बयान पर राजनीति खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। बीजेपी राहुल गांधी के इस बयान को विभाजनकारी बता रही है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से लेकर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी तक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष पर हमलावर हैं।
वहीं राजनीति के जानकारों का मानना है कि राहुल गांधी ने बयान यूं नहीं दिया है बल्कि इसके पीछे सोची-समझी रणनीति है। उनका मानना है कि राहुल के इस बयान से दक्षिण भारत में कांग्रेस को फायदा होगा। हालांकि जानकारों का ये भी कहना है कि राहुल के इस बयान से यूपी में प्रियंका गांधी को मुश्किलों का समाना करना पड़ सकता है।
दरअसल प्रियंका गांधी कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में फिर से जीवित करने में लगी हैं। इसके लिए वे लगातार दौरे भी कर रहीं हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि प्रियंका गांधी के पूरे प्रयास के बावजूद राहुल गांधी का बयान उनके उत्तर प्रदेश मिशन को धक्का पहुंचा सकता है।
राहुल का बयान ऐसे समय आया है जब उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। राहुल का बयान भाजपा समेत कांग्रेस की विराधी पार्टियों के लिये बड़ा मुद्दा बन सकता है। भाजपा इस बयान को कभी भी छोड़ना नहीं चाहेगी ।
बता दें कि राहुल गांधी ने त्रिवेंद्रम में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था कि मैं 15 साल तक उत्तर भारत में सांसद था। मुझे एक अलग तरह की राजनीति की आदत हो गई थी। मेरे लिए केरल आना बेहद नया था क्योंकि मुझे अचानक लगा कि यहां के लोग मुद्दों में दिलचस्पी रखते हैं और जमीनी तौर पर मुद्दों के विस्तार में जाने वाले हैं।
राहुल गांधी के इस बयान की सभी जगह आलोचना हो रही है। यहां तक कि उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस के लोग सहज महसूस नहीं कर रहे हैं। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी बुधवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुये राहुल गांधी के बयान पर कांग्रेस पर जम कर हमला बोला और पार्टी की नीति को विभाजनकारी बताया। योगी आदित्यथ ने राहुल गांधी का नाम लिये बिना कहा कि जिन्हें यूपी के लोगों ने 15 साल तक राज कराया वो दूसरे राज्य में जा कर यहां की खिल्ली उड़ा रहे हैं ।
उनके पास इटली जाने का समय है लेकिन अमेठी आने का समय नहीं हैं। ऐसी हालत में अमेठी की जनता ऐसे लोगों को वोट क्यों दे। योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को ट्वीट कर राहुल गांधी को जवाब दिश था जिसमें उन्होंने कहा था कि श्रीमान राहुल जी सनातन आस्था की तपोस्थली केरल से लेकर प्रभु श्री राम की जन्मस्थली उत्तर प्रदेश तक लोग समझ चुके हैं। विभाजनकारी राजनीति आपका राजनीतिक संस्कार है ।
अमेठी की सांसद स्मृति इरानी तो उन्हें निकम्मा सांसद तक बोल चुकी है। उन्होंने कहा कि जिस आदमी को अमेठी ने 15 साल मौका दिया उसने कभी भी अमेठी की सुध नहीं ली ।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने राहुल गांधी को लेकर मुख्यमंत्री के बयान को गलत बताया और कहा कि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष के बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। दरअसल मुख्यमंत्री पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी की बढ़ रही लोकप्रियता से घबरा गये हैं। किसान बिल के विरोध में पार्टी को उत्तर प्रदेश में अपार जनसमर्थन मिल रहा है।
प्रियंका गांधी पार्टी में चल रही गुटबाजी के बावजूद राज्य में अपनी जमीन तैयार करने के लिये पूरी मेहनत कर रही हैं। पार्टी के प्रदेश महासचिव ब्रह्मस्वरूप सागर ने दो दिन पहले ही गुटबाजी और गलत लोगों को तरजीह देने का आरोप लगाकर अपने पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया था।
प्रियंका गांधी गांव गरीब और हिन्दूओं में पार्टी के प्रति विश्वास पैदा करने के लिये मंदिरों में जा रही हैं। उन्होंने कुछ दिन पहले प्रयागराज के संगम में स्नान किया था तो मथुरा के बांके बिहारी मंदिर में पूजा की थी। अब वो मछुआरों के हितों के लिये प्रयागराज से बलिया तक कांग्रेस की यात्रा में भी शामिल होंगी।
दूसरी ओर समाजवादी पार्टी भी भाजपा के साथ कांग्रेस को अपना दुश्मन नंबर एक मानती है। पार्टी की नीति कांग्रेस से पूरी तरह से दूरी बनाकर चलने की है। लिहाजा अखिलेश यादव भी इस बयान को लेकर कांग्रेस पर हमला करने से नहीं चूकेंगे।