नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में विपक्षी दल अपराध के मुद्दे पर योगी सरकार को घेर रहे हैं। इसी बीच वरिष्ठ पत्रकार और एंकर रुबिका लियाकत का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वह योगी आदित्यनाथ को उनके ‘रामराज्य’ के वादे की याद दिलाती और प्रदेश में बढ़ रही आपराधिक घटनाओं पर सवाल करती दिख रही हैं।
वीडियो में रुबिका लियाकत कहती हैं- ‘आज हम जो बात करने वाले हैं वो हम उत्तर प्रदेश के क्राइम को लेकर करेंगे। मुझे तो 2017 का योगी आदित्यनाथ का वो बयान याद आता है- क्या कॉन्फिडेंस के साथ उन्होंने बोला था और उत्तर प्रदेश के लोगों को यकीन दिलाने की कोशिश की थी कि देखिए ऐसा है कि यहां गुंडाराज किसी कीमत पर नहीं चलेगा। अब राम राज्य की बारी आ गई है। जिन अपराधियों में आप खौफ नहीं ला पाए वो राज्य कैसे राम-राज्य कहलाए?’
रुबिका लियाकत गुस्से में आगे कहती हैं- ‘क्यों लगातार उत्तर प्रदेश से इस तरह की खबरें आ रही हैं कि साफ तौर पर इस बात का अहसास हो रहा है कि वहां पर हालात वाकई खराब हैं। गुंडों को पुलिस का खौफ है ही नहीं। उनको किसी बात का डर नहीं है। खासकर महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराध में यूपी नंबर 1 पर बना हुआ है।’
वीडियो में रुबिका आगे कहती हैं- ‘दिन-ब-दिन हालात खराब होते जा रहे हैं। 2016 से लेकर 2019 तक अगर आप महिलाओं के खिलाफ क्राइम की बात करें, 20 पर्सेंट का इजाफा आया है। तो योगी आदित्यनाथ के उस वादे के ऊपर यूपी की पुलिस क्या शानदार काम कर रही थी वो इस 20 पर्संट के इजाफे में दिखाई दे रहा है।
एक दिन में उत्तर प्रदेश में 42 महिलाओं का अपहरण हो जाता है। एक घंटे में दो महिलाओं का बलात्कार हो जाता है। यहां मैं खुद को करेक्ट करना चाहूंगी दो घंटे में एक महिला का रेप हो जाता है। आप ये कहकर बच नहीं सकते हैं कि आपकी पुलिस सेंसेटिव हो गई है, रिपोर्ट लिख रही है।’
रुबिका लियाकत के इस वीडियो पर एक्स आईएएस ऑफिसर सूर्य प्रताप सिंह ने भी रिएक्ट किया। पू्र्व आईएएस ने कहा- ‘चुनाव पास आने दो, गोदी मीडिया भी ऐसे ही रंग बदलेगा। केंद्र बनाम योगी का खेल।’ पत्रकार रणविजय सिंह ने रुबिका के वीडियो को देख कहा- ‘इनको क्या हो गया? सब सच बोल रही हैं।’
अदनान नाम के यूजर ने तंज भरे अंदाज में कहा- ‘लगता है इन्हें और ऐड चाहिए यूपी गवर्नमेंट से तभी।’ नौशाद नाम के यूजर ने कहा- ‘ये आपका भ्रम है सर। ये कभी-कभी ऐसा इसलिए बोलती हैं ताकि आम जनता का भरोसा बना रहे इनकी पत्रकारिता पर। फिर किसी पार्टी के फायदे के लिए एजेंडा चलाते रहें, आम जनता को भ्रमित करते रहें।’ यादव नाम के यूजर ने भी कहा- ‘सरकारी विज्ञापन बंद कर दिया गया है शायद। उसी का परिणाम है कि रुबिका जी भी योगी का विश्लेषण कर रहे हैं।’