लखनऊ। योगी सरकार को स्वास्थ्य के मोर्चे पर एक और बड़ी कामयाबी मिली है। प्रदेश में इस वर्ष प्रथम माह में जेई, एईएस से मृत्यु का आंकड़ा शून्य रहा। इसके अलावा कई अन्य बीमारियों की मृत्यु दर भी शून्य रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक्यूट एन्सीफेलाइटिस सिंड्रोम, जापानी एन्सीफ्लाइटिस, दिमागी बुखार व अन्य वेक्टर जनित रोग जैसे डेंगू, चिकनगुनिया, कालाजार और मलेरिया जैसे वेक्टर जनित रोग पर नियंत्रण को सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल किया है। इसलिए इस दिशा में किए प्रयासों से पूर्वी उत्तर प्रदेश के जनपदों में जेई और एईएस पर सफल नियंत्रण हो सका है।
प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य वी. हेकाली झिमोमी के मुताबिक प्रदेश में इस वर्ष 01 जनवरी से 01 फरवरी, 2021 में डेंगू, इन्फ्लुएन्जा ए एच1एन1, चिकनगुनिया, कालाजार तथा मलेरिया रोगों से होने वाली मृत्यु दर शून्य रही है। उन्होंने बताया कि डेंगू के 39 रोगी तथा कालाजार का मात्र एक रोगी होने की रिपोर्ट प्राप्त हुई लेकिन किसी की मृत्यु नहीं हुई।
प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के मुताबिक इन रोगों पर वर्ष 2020 में ही सफल नियंत्रण प्राप्त कर लिया गया था। वर्ष 2020 में डेंगू के 13 रोगी सूचित हुए थे तथा इन्फ्लुएन्जा एएच1एन1 के 12 रोगी सूचित हुए थे जिनमें एन्फ्लुएन्जा के 02 रोगियों की मृत्यु की सूचना प्राप्त हुई जबकि अन्य संक्रामक रोगों की मृत्यु दर शून्य रही।
प्रमुख सचिव ने बताया कि एईएस तथा जेई रोगियों में प्रभावी कमी तथा रोग मृत्यु दर में कमी के सम्बन्ध में प्रदेश सरकार द्वारा किये गये कार्यों को राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा जा रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा जनपदों में जनपद एवं ब्लॉक स्तर पर एईएस रोग के उपचार के लिए प्राइमरी इन्टेन्सिव केयर यूनिट (पीआईसीयू) मिनी पीआईसीयू एवं ईटीसी स्थापित किये गये, जिसके फलस्वरूप न केवल रोगियों की संख्या में कमी आई। बल्कि इन रोगों से होने वाली मृत्यु पर नियंत्रण किया जा सका है।