–आईआईए, नरेडको व सीआईआई के साथ शुक्रवार को होगा अनुबंध
लखनऊ। देश के विभिन्न हिस्सों से प्रदेश लौट रहे प्रवासी कामगारों की स्किल मैपिंग कर डाटा बैंक बनाने में जुटी योगी सरकार की मुहिम उद्योग जगत को बेहद रास आ रही है। कामगारों को रोजगार के साथ उद्योग जगत को सुविधा प्रदान करने के सरकार के ठोस फैसले का नतीजा है कि अब कारोबारी संगठनों और सरकार के बीच करार होने जा रहा है।
इसके तहत मुख्यमंत्री योगी के प्रयासों की बदौलत इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए), नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नरेडको), कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच शुक्रवार को 9.5 लाख कामगारों व श्रमिकों के लिए बड़ा करार होगा।
आईआईए व सीआईआई एमएसएमई इकाइयों और नरेडको रियल एस्टेट संस्थाओं का समूह है। इस तरह उद्योग और सरकार के बीच ये संगठन सेतु का काम करेंगी। दोनों संस्थाएं एमएसएमई इकाइयों और अन्य उद्योगों तक पहुंच बनाएंगी। रियल एस्टेट के प्रोजेक्ट और एमएसएमई सेक्टर में किस तरह के श्रमिकों की कितनी मांग है, इसका आकलन व श्रेणीकरण करेंगी। फिर स्किल मैपिंग डाटा बैंक के रिकॉर्ड से श्रमिकों व कामगरों को रोजगार दिलाने का काम किया जायेगा।
दरअसल देश के विभिन्न हिस्सों से उत्तर प्रदेश लौट रहे प्रवासी कामगारों की स्किल मैपिंग कर डाटा बैंक बनाने का काम किया जा रहा है। इसको देखते हुए आईआईए ने प्रदेश सरकार के इस स्किल मैपिंग डाटा बैंक से करीब 05 लाख श्रमिकों और कामगार मांगे हैं। इसी तरह नरडेको ने 2.5 लाख और सीआईआईआई ने 02 लाख कामगार मांगे हैं। लॉकडाउन के दौरान ही लाखों की संख्या में कामगारों की मांग को योगी सरकार की बड़ी कामयाबी माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वरिष्ठ अफसरों के साथ बैठक में कामगारों व श्रमिकों को तेजी से रोजगार प्रदान करने पर मंथन किया। मुख्यमंत्री का मिशन ‘हर हाथ को काम, हर घर में रोजगार’ प्रदान करना है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्किल्ड मैनपावर और इकाइयों में इनकी जरूरत का साफ्टवेयर तैयार हो रहा है। साफ्टवेयर के जरिए सेवायोजन का काम तेजी से हो पाएगा।
उद्यमों को आगे बढ़ाने और चलाने में मुख्यमंत्री योगी की भूमिका से उत्साहित उद्योग जगत सरकार के कदम से कदम मिला कर चल रहा है। एक साथ प्रशिक्षित मानव संसाधन मिलने से उद्योग जगत की भी आवश्यकता पूरी होगी और उसका काम तेजी से पटरी पर आ सकेगा। इस वजह से सरकार की पहल को लेकर उद्योग जगत में भी बेहद उत्साह है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर औद्योगिक इकाइयों में श्रमिकों व कामगारों के लिए अप्रेंटिस और ट्रेनिंग का भी इंतजाम करने की कवायद की जा रही है। अप्रेंटिस के दौरान सरकार और औद्योगिक समूहों से अप्रेंटिस भत्ता दिलाने का भी निर्णय किया गया है।