नयी दिल्ली। दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान को नोटिस भेज उनके खिलाफ दर्ज राजद्रोह के मामले की जांच में शामिल होने को कहा है। अधिकारियों ने बताया कि अप्रैल महीने में सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट करने पर खान के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश का अनुपालन करते हुए पुलिस ने खान को नोटिस भेजा और सोशल मीडिया पर ‘विवादित’ पोस्ट के मामले में दो दिनों के भीतर जांच से जुड़ने को कहा।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘ अदालत के निर्देश पर हमने उन्हें नोटिस भेजा और दो दिनों में जांच में शामिल होनेको कहा।’’ खान ने फोन पर बातचीत में कहा, ‘‘जांच में शामिल होने के लिए मुझे विशेष प्रकोष्ठ का नोटिस मिला है। मैंने जांच के संबंध में कुछ ब्योरे देने को कहा है। मैं कल उनके जनकपुरी कार्यालय जाकर जांच में शामिल होऊंगा।
उल्लेखनीय है कि वसंत कुंज निवासी की शिकायत पर पुलिस ने खान के खिलाफ 30 अप्रैल को भारतीय दंड संहिता की धारा-124 ए (राजद्रोह) और धारा-153ए (धर्म, नस्ल और जन्म स्थान के आधार पर विभिन्न समूहों में वैमनस्य पैदा करना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की। यह दूसरा नोटिस है जो खान को भेजा गया है। इससे पहले विशेष प्रकोष्ठ ने मई में अपराध प्रक्रिया सहिंता की धारा-91 के तहत नोटिस भेज उन उपकरणों को सौंपने को कहा था जिसके जरिये सोशल मीडिया पर ‘विवादित’ पोस्ट किया गया।
खान ने इसके आधार पर अपना उपकरण विशेष प्रकोष्ठ को सौंप दिया। प्राथमिकी में शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि खान का पोस्ट भड़काऊ और राजद्रोह की प्रवृत्ति वाली थी और उसका मकसद सामाजिक समरसता को भंग करना और समुदायों के बीच खाई पैदा करना था। पुलिस ने कहा कि मामले की जांच साइबर प्रकोष्ठ कर रहा है। हालांकि, बाद में खान ने अपनी पोस्ट के लिए माफी मांग ली जबकि भाजपा ने उन्हें आयोग से हटाने की मांग की।
उल्लेखनीय है कि 28 अप्रैल को खान ने ट्वीट कर उत्तर पूर्वी दिल्ली के दंगों की पृष्ठभूमि में भारतीय मुस्लिमों के कथित उत्पीड़न पर संज्ञान लेने के लिए कुवैत को धन्यवाद दिया था। खान ने कहा कि उनके इस ट्वीट से कुछ लोगों को पीड़ा हुई है लेकिन उनकी कभी ऐसी मंशा नहीं थी।