राजधर्म: पिता के निधन की खबर पाकर नम हुई योगी की आंखें, लेकिन जनता के लिए करते रहे मीटिंग

लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट (89) का सोमवार सुबह दिल्ली के एम्स में 10:44 बजे निधन हो गया। निधन की सूचना उस वक्त आई, जब योगी सरकारी आवास पर कोविड-19 की टीम इलेवन के साथ बैठक कर रहे थे। योगी के करीबी बब्लू राय ने उन्हें एक पर्ची थमाई और खड़े हो गए। पर्ची पढ़ने के बाद योगी ने करीब एक मिनट तक किसी से फोन पर बात की और बैठक के बाद दोबारा बात करने का आश्वासन देकर फोन काट दिया। इस दौरान उनकी आंखे नम हो चुकी थी। यह देख सभी को अंदेशा हो चुका था कि, शायद सीएम योगी के पिता का निधन हो गया। कारण रविवार रात से ही सोशल मीडिया पर खबरें चलने लगी थीं कि, योगी के पिता की हालत ज्यादा खराब है। कई अंगों के काम न करने के कारण डॉक्टरों ने भी जवाब दे दिया था।

कुछ ऐसे रहा मीटिंग का घटनाक्रम
सुबह करीब 10:30 बज रहे थे। सीएम के सरकारी आवास (5केडी) पर अफसर आ चुके थे। तभी सीएम योगी सभी का अभिवादन करते हुए मीटिंग हॉल में दाखिल हुए। अमूमन देखा जाता है कि, मीटिंग के दौरान योगी मास्क नीचे रखते हैं। लेकिन आज उनके चेहरे पर कुछ चिंता के भाव थे। उन्होंने मास्क लगा रखा था। मीटिंग शुरू हुई तो मुख्यमंत्री ने हॉटस्पॉट, पुलिसकर्मियों के साथ स्वास्थ्य कर्मियों के सेहत को लेकर चिंता जाहिर की। कहा- सभी लोग सुरक्षा उपकरणों के साथ ड्यूटी करें।

योगी के करीबी ने थमाई पर्ची तो हुई जानकारी
इसी बीच करीब 10 बजकर 44 मिनट के आसपास मीटिंग में सीएम योगी के करीबी बब्लू राय आए। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी को एक पर्ची पढ़ने के लिए दी। इसके बाद बब्लू ने फोन पर किसी से बात कराई। महज एक मिनट बातचीत हुई होगी। मुख्यमंत्री ने फोन पर कहा कि वह मीटिंग के बाद फिर बात करेंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री कुछ देर तक शांत रहे। उनकी आंखें नम हो गईं। लेकिन उन्होंने खुद को संभाला और फिर से अधिकारियों से सवाल-जवाब शुरू कर दिया। मीटिंग वैसे चलती रही, जैसे रोज होती थी।

अंतिम संस्कार में शामिल न होने के साथ-साथ दिया बड़ा संदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने पिता के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा- अपने पूज्य पिताजी के कैलाशवासी होने पर मुझे भारी दुख एवं शोक है। वे मेरे पूर्वाश्रम के जन्मदाता है। जीवन में ईमानदारी, कठोर परिश्रम एवं निस्वार्थ भाव से लोक मंगल के लिए समर्पित भाव के साथ कार्य करने का संस्कार बचपन में उन्होंने मुझे दिया। अंतिम क्षणों में उनके दर्शन की हार्दिक इच्छा थी, परन्तु वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ देश की लड़ाई को उत्तर प्रदेश की 23 करोड़ जनता के हित में आगे बढ़ाने का कर्तव्यबोध के कारण मैं न कर सका। कल 21 अप्रैल को अंतिम संस्कार के कार्यक्रम में लॉकडाउन की सफलता और महामारी कोरोना को परास्त करने की रणनीति के कारण भाग नहीं ले पा रहा हूं। पूजनीया मां, पूर्वाश्रम से जुड़े सभी सदस्यों से भी अपील है कि वे लॉकडाउन का पालन करते हुए कम से कम लोग अंतिम संस्कार के कार्यक्रम में रहें। पूज्य पिताजी की स्मृतियों को कोटि-कोटि नमन करते हुए उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा हूं। लॉकडाउन के बाद दर्शनार्थ आऊंगा।

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