लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सोमवार को यहां कहा कि लखनऊ में निर्माणाधीन सेतुओं और फ्लाई ओवरों के निर्माण से राजधानी में जाम की समस्या बिल्कुल समाप्त हो जाएगी। उन्होंने आज अधिकारियों को निर्देशित किया कि राजधानी में निर्माणाधीन सभी पुल, फ्लाई ओवर व आरओबी को शीघ्र पूरा किया जाए।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलों और फ्लाई ओवरों के बन जाने से लोग सुगमता व आसानी से अपने गंतव्य स्थलों तक पहुंच सकेंगे। उन्होंने कहा कि जाम की समस्या के मद्देनजर ही इनका निर्माण कराया जा रहा है। उप मुख्यमंत्री ने बताया कि लखनऊ मे तीन कार्य पूर्व में पूरे किये जा चुके हैं। वर्तमान में दस परियोजनाओं का काम चल रहा है।
मौर्य ने बताया लखनऊ में हैदर गंज तिराहे से मीना बेकरी मोड़ तक दो लेन के ऊपरिगामी सेतु का निर्माण 4042.75 लाख रुपए की लागत से किया जा रहा है। इस परियोजना का 90 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो गया है। शहर में ही गुरु गोविंद सिंह मार्ग पर हुसैनगंज चैराहा-बांसमंडी चौराहा-नाका हिंडोला चौराहा और डीएवी कॉलेज के मध्य 12379.90 लाख की लागत से तीन लेन फ्लाई ओवर का निर्माण कार्य लगभग पूर्ण होने की दशा में है। इसका 95 प्रतिशत कार्य हो गया है।
इसी तरह चरक चौराहा-हैदरगंज चौराहा-चरक क्रासिंग और विक्रम काटन मिल रोड के मध्य दो लेन के फ्लाई ओवर का निर्माण 11015.22 लाख की लागत से किया जा रहा है। श्री मौर्य का कहना है कि इसका 74 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो गया है। शहीद पथ से लखनऊ एयरपोर्ट को जोड़ने वाले वैकल्पिक मार्ग के एलाइनमेंट में एलिवेटेड फ्लाई ओवर का कार्य प्रक्रिया में है, इसकी लागत 13469.51 लाख रुपये है।
इसके अलावा उत्तर रेलवे के लखनऊ बाराबंकी रेलवे लाइन किसान पथ (फैजाबाद रोड से मोहनलालगंज रोड तक) पोल संख्या 1078-12 और 1078-2 के मध्य मुख्य शारदा नहर के किमी 127 के बायीं एवं दाईं पटरी पर फोरलेन सेतु का कार्य 76 फीसदी पूरा हो गया है। इस परियाजना की लागत 23513.99 लाख रुपये है। सेतु निगम के प्रभारी प्रबंध निदेशक अरविंद श्रीवास्तव का कहना है कि राजधानी में इसी तरह से अन्य पांच काम भी चल रहे हैं।
उप मुख्यमंत्री ने आज सेतु निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इन सभी परियोजनाओं के निर्माण कार्य में तेजी लायें और लोगों को जाम से निजात दिलाने के लिए शीघ्र ही शत प्रतिशत कार्य पूर्ण करें। उन्होंने कहा कि यदि कहीं कोई समस्या आ रही है तो विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क व समन्वय कर उसका निराकरण कराएं और तत्काल कार्यों को पूर्ण कराएं, जिससे आवागमन सुचारू रूप से हो सके।