लखनऊ। उत्तर प्रदेश का सियासी पारा इन दिनों चरम पर है। सभी राजनैतिक दल अपनी सियासी गोटियां बिछाने में लगे हुए हैं। इस बीच सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओम प्रकाश राजभर गठबंधन की संभावनाओं को लेकर सभी राजनैतिक दलों से संपर्क कर रहे हैं। वहीं एआईएमआईएम के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी यूपी में अपना जलवा दिखाने को बेताब दिख रहे हैं।
पिछले एक डेढ़ सालों में ओवैसी, राजभर और आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष और भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद की जुगलबंदी भी खूब देखने को मिली है। लेकिन, अब इस तिकड़ी में फूट पड़ती दिखाई पड़ रही है। चंद्रशेखर आजाद ने तो दो टूक कह दिया है कि वह राजभर और ओवैशी के साथ गठबंधन का हिस्सा नहीं हैं। वहीं पिछले दिनों ही ओवैशी ने भी राजभर से ऑफिशियल रूप में किनारा कर लिया था।
गौरतलब है कि ओम प्रकाश राजभर ने भागीदारी संकल्प मोर्चा के बैनर तले यूपी में करीब दस दलों को एक साथ लाने की कवायद की थी। इसमें सुभासपा के अलावा एआईएमआईएम, जन अधिकार पार्टी, अपना दल (के), भारतीय वंचित समाज पार्टी, भारतीय मानव समाज पार्टी, जनता क्रांति पार्टी (आर), राष्ट्रीय भागीदारी पार्टी (पी) और राष्ट्र उदय पार्टी और आसपा के भी शामिल होने का दावा किया गया था। हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में भागीदारी संकल्प मोर्चा ने प्रत्याशी भी उतारे थे।
इस बीच हाल ही में ओम प्रकाश राजभर ने पांच साल में पांच सीएम और बीस डिप्टी सीएम का फॉर्मूला भी दिया था। जिसकी खूब चर्चा हो रही थी। लेकिन, अचानक सभी दलों ने राजभर से किनारा करना शुरू कर दिया है।
स्वतंत्र देव से मुलाकात के बाद बदला नजारा
ओम प्रकाश राजभर इन दिनों बीजेपी पर हमलावर हैं। लेकिन, इस बीच अचानक उन्होंने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह से मुलाकात की। जिसके बाद वो अपने साथियों के भी निशाने पर आ गए। खबरें आईं कि ओवैसी ने खुद को राजभर से अलग कर लिया है। वहीं अब चंद्रशेखर ने भी ऐलान कर दिया है कि वह इस गठबंधन का हिस्सा नहीं हैं। हालांकि, अन्य दलों से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
किसी से मिलना पाप नहीं: चंद्रशेखर
ओवैसी और राजभर की विश्वसनीयता को लेकर उन्होंने कहा कि किसी से मिलना पाप नहीं है। वो भी अपनी पार्टी चला रहे हैं। वो किससे मिल रहे हैं, यह उनका व्यक्तिगत मामला है। लेकिन, मैं उनके गठबंधन का हिस्सा नहीं हूं। मेरी कोशिश है कि बीजेपी को रोका जाए, इसलिए हमारे दरवाजे गैर बीजेपी दलों के लिए खुले हैं। इसीलिए मैं सबसे मुलाकात करता हूं।