जयपुर । राजस्थान हाईकोर्ट में सचिन पायलट गुट की याचिका पर यथास्थिति बनाए रखने का फैसला सुनाया है। आपको बता दे कि पायलट गुट के बागी कांग्रेसी विधायकों ने स्पीकर डॉ. सीपी जोशी के नोटिस के खिलाफ याचिका लगाई है। वहीं हाईकोर्ट का फैसला सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अधीन रहेगा। आपको बता दे कि स्पीकर ने भी सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर करके हाईकोर्ट के निर्देश पर रोक लगाने की बात कही थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर कोई राहत नहीं दी है।
राजस्थान में पिछले कई दिन से चल रहे सियासी संकट पर हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। पायलट गुट की याचिका को सही मानते हुए कोर्ट ने स्पीकर की तरफ से जारी नोटिस पर रोक लगा दी है। इसका मतलब की विधानसभा स्पीकर अब कांग्रेस के बागी 19 विधायकों को अयोग्य करार नहीं दे पाएंगे।
इससे पहले मामले में कर्ट ने केंद्र सरकार को भी पक्षकार बनाने की अर्जी को मंजूर कर ली थी। स्पीकर की ओर से सचिन पायलट सहित 19 बागी विधायकों को जारी नोटिस की वैधानिकता को लेकर पायलट खेमा हाईकोर्ट पहुंचा। 21 जुलाई को कोर्ट ने सुनवाई पूरी करते हुए विधानसभा स्पीकर से 24 जुलाई तक अयोग्यता कार्यवाही न करने का निर्देश दिया था।
इससे पहले विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी को गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा थी। जोशी की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सचिन पायलट और 18 अन्य बागी कांग्रेस विधायकों के मामले में हाई कोर्ट के फैसला सुनाने पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया था। कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट का जो भी फैसला होगा वह सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले पर निर्भर करेगा। अदालत सोमवार को इस मामले में विस्तृत सुनवाई करेगी।
राजस्थान में चल रहे सियासी घटनाक्रम में राजस्थान भाजपा ‘वेट एंड वॉच’ की भूमिका में है। पार्टी के नेता बैठकें तो कर रहे हैं, लेकिन सबको कोर्ट के फैसले और विधानसभा सत्र का ही इंतजार है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि जब तक कोर्ट का फैसला और विधानसभा सत्र की बात स्पष्ट नहीं होती, तब तक सब कुछ अनिश्चित है। पार्टी इस मामले में आलाकमान के निर्देशों पर भी निर्भर है। वहां से मिले निर्देशों के बाद ही पार्टी आगे बढ़ेगी। विधायक दल की बैठक के बारे में भी अभी कुछ तय नहीं है।