नई दिल्ली। भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी ने बुधवार को कहा कि वह राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार के लिए हॉकी इंडिया द्वारा नामांकित होने पर बेहद सम्मानित महसूस कर रही हूं। रानी ने कहा, “मैं राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार के लिए नामांकित होने पर बहुत सम्मानित महसूस कर रही हूं। मैं अभिभूत हूं कि हॉकी इंडिया ने शीर्ष पुरस्कार के लिए मेरे नाम की सिफारिश की है और उनका निरंतर समर्थन टीम को प्रोत्साहित करता है।”
हॉकी इंडिया ने मंगलवार को भारतीय महिला हॉकी टीम से वंदना कटारिया और मोनिका और अर्जुन पुरस्कार के लिए भारतीय पुरुष हॉकी टीम से हरमनप्रीत सिंह के नामांकन की घोषणा की। अपने हमवतन खिलाड़ियों को बधाई देते हुए रानी ने कहा, “यह शानदार है कि हमारे पास महिला टीम के दो खिलाड़ी अर्जुन पुरस्कार के लिए नामांकित हैं। मैं वंदना और मोनिका दोनों को बधाई देती हूं। वे इस मान्यता के बहुत योग्य हैं। नामांकित होने से पता चलता है कि महिला हॉकी सही दिशा में आगे बढ़ रही है और यह हमें विश्व मंच पर बेहतर करने के लिए प्रेरित करेगी।”
राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार के लिए एक जनवरी 2016 से 31 दिसंबर 2019 के बीच का प्रदर्शन आधार रहेगा। इस दौरान रानी की कप्तानी में भारत ने 2017 में महिला एशिया कप जीता और 2018 में एशियाई खेलों में रजत पदक हासिल किया, उसने एफआईएच ओलंपिक क्वालीफायर 2019 में भारत के लिए विजयी गोल करके टोक्यो ओलंपिक क्वालीफिकेशन दिलाया था।
रानी की कप्तानी में भारत एफआईएच रैंकिंग में नौवें स्थान पर पहुंचा। विश्व खेल एथलीट का पुरस्कार पाने वाली पहली भारतीय रानी को 2016 में अर्जुन और 2020 में पद्मश्री मिल चुका है। भारत के लिए 200 से अधिक अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुकी वंदना और 150 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मैचों में हिस्सा ले चुकी मोनिका के नाम अर्जुन पुरस्कार के लिए भेजे गए हैं, दोनों हिरोशिमा में एफआईएच सीरिज फाइनल्स ,टोक्यो 2020 ओलंपिक टेस्ट टूर्नामेंट और भुवनेश्वर में ओलंपिक क्वालीफायर में भारत की जीत की सूत्रधार थी।
रानी को लगता है कि उनके लिए ओलंपिक खेलों में टीम की पहली उपस्थिति महत्वपूर्ण थी। उन्होंने कहा, “मैं व्यक्तिगत रूप से महसूस करती हूं कि रियो ओलंपिक खेल हमारे लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ था। हम अपने प्रदर्शन से निराशाजनक थे और हमें पता था कि अगर हम विश्व स्तर पर या एशियाई स्तर पर भी अच्छा प्रदर्शन करना चाहते हैं तो हमें वास्तव में कड़ी मेहनत करनी होगी।”
उन्होंने आगे कहा, “आत्मविश्वास ने हमारे परिवर्तन में बहुत बड़ी भूमिका निभाई। मुख्य कोच सजोर्ड मारिजने के नेतृत्व में एक शानदार सहायक स्टाफ का होना, जिसने हमें हमेशा ‘स्पीक अप एंड बोल्ड’ के लिए प्रोत्साहित किया, हमारे खेल में दिखाई देने लगा। हमारी सफलता का बहुत श्रेय सपोर्ट स्टाफ को जाता है, जिसने हमेशा हमारा समर्थन किया है।”
उन्होंने आगे कहा कि हॉकी बिरादरी का सामूहिक समर्थन यह सुनिश्चित करेगा कि भारतीय महिला हॉकी विश्व मंच पर कुछ खास हासिल करे।
उन्होंने कहा,”ये सभी के लिए मुश्किल समय (कोविद -19 महामारी का जिक्र) है, लेकिन हम इस अवधि में एक टीम के रूप में करीब आ गए हैं। मुझे राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान बहुत सारे संदेश और शुभकामनाएं मिले हैं और यही समर्थन है जो हमें मजबूत तरीके से वापसी करने के लिए सुनिश्चित करेगा।” बता दें कि वर्तमान में भारतीय हॉकी टीम साई केंद्र, बेंगलुरु में साथ है।