राज्यपाल के अभिभाषण पर मायावती ने कहा- विकास के दावे जमीनी हकीकत से दूर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा में सोमवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को प्रतिक्रिया दी है। मायावती ने राज्यपाल के अभिभाषण को जन अपेक्षाओं के विपरीत बताते हुए कहा है कि जनहित व विकास आदि के भारी-भरकम सरकारी दावों की सार्थकता व उपयोगिता तभी होती है जब वे जमीनी हकीकत से थोड़ा भी मेल खाते हों। राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में भले ही सरकार को क्लीनचिट दी है लेकिन, दावे आम लोगों को दिखाई नहीं पड़ रहे।

बसपा प्रमुख मायावती ने जारी बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार यदि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के माध्यम से किए गए जनहित व जनसुरक्षा से जुड़े दावों पर यदि वास्तव में अमल करती तो लोगों को थोड़े अच्छे दिन की उम्मीद बंधती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि वैसे कुछ लोगों के अच्छे दिन जरूर आ गए हैं, उनके लिए कानून के राज का कोई मतलब नहीं है। वे चाहे रेत माफिया हों या थाने में घुसकर पुलिस की पिटाई करने वाले जिनकी खबरें आम हैं। वहीं आम लोगों का हाल बेहद खराब है।

पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि सदन में राज्यपाल वापस जाओ का नारा लगाना उचित नहीं है, क्योंकि राज्यपाल को वही लिखा हुआ पढ़ना था जो सरकार ने उन्हें पढ़ने के लिए दिया था। इस पर चर्चा के दौरान सरकार को सीधे घेरा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार जनहित के फैसले ले साथ ही आरोप लगाया कि इन दिनों राशन कार्डों के सत्यापन की आड़ में मुफ्त राशन देने के लाभार्थियों को कम किया जा रहा है। यह सही नहीं है सरकार इस पर फिर से विचार करे।

बता दें कि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सोमवार को विधानसभा में अपने अभिभाषण में उत्तर प्रदेश की पिछली सरकार की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए कहा था कि पूर्व की भांति मेरी सरकार प्रदेशवासियों को पारदर्शी व जवाबदेह शासन और ईमानदार व संवेदनशील प्रशासन उपलब्ध कराने के लिए तत्पर रहेगी।

उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा से लोक कल्याण संकल्प पत्र 2022 के माध्यम से प्रदेश की जनता से वादे किए गए हैं। मेरी सरकार इन वादों को पूरा करने के लिए कृत संकल्पित है और इन्हें पूरा करने के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here