जयपुर। राजस्थान में सियासी उठापटक के बीच राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधानसभा का सत्र 31 जुलाई से बुलाने की अर्जी बुधवार को तीसरी बार लौटा दी। राज्यपाल का कहना है कि सरकार से जो पूछा था उसका जवाब तो नहीं दिया, बल्कि राज्यपाल के अधिकारों की सीमाएं बता दीं। गवर्नर ने सत्र बुलाने के लिए 21 दिन का नोटिस देने समेत वही 3 शर्तें दोहराई हैं जो दूसरी बार अर्जी लौटाने वक्त रखी थीं।
राज्यपाल की 3 शर्तें
1. विधानसभा का सत्र 21.दिन का क्लीयर नोटिस देकर बुलाया जाए, जिससे विधानसभा के सभी सदस्यों को सत्र में आने के लिए बराबर समय और मौका मिलना तय हो सके।
2. किसी भी परिस्थिति में विश्वास मत हासिल करने की कार्यवाही की जाती है तो, वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक ही होनी चाहिए। यह तय होना चाहिए कि सभी सदस्य अपनी इच्छा से शामिल हों।
3. कोरोना की गाइडलाइंस को देखते हुए यह भी साफ किया जाए कि विधानसभा के सत्र के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग कैसे रखी जाएगी?
राज्यपाल का प्रेम पत्र मिला: गहलोत
गवर्नर की आपत्तियों वाली चिट्ठी पर गहलोत ने राजभवन जाने से पहले कहा कि प्रेम पत्र तो पहले ही आ चुका है, अब मिलकर पूछूंगा कि क्या चाहते हैं? नोटिस की शर्त को लेकर गहलोत ने कहा कि 21 दिन हों या 31 दिन, जीत हमारी होगी। 70 साल में पहली बार किसी गवर्नर ने इस तरह के सवाल किए हैं। आप समझ सकते हैं कि देश किधर जा रहा है?
राजभवन जाने से पहले गहलोत ने ये भी कहा था कि सरकार गिराने की साजिश की जा रही है, लेकिन हम मजबूत हैं। जिन्होंने धोखा दिया, वे चाहें तो पार्टी में लौटकर आ जाएं और सोनिया गांधी से माफी मांग लें। गहलोत ने गोविंद सिंह डोटासरा के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का पद संभालने के कार्यक्रम में यह बयान दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा। गहलोत ने कहा कि मोदी जी आप प्रधानमंत्री इसलिए बन पाए, क्योंकि कांग्रेस ने लोकतंत्र की जड़ें मजबूत कीं।
बसपा विधायकों के मामले में भाजपा की 2 पिटीशन
- अदालत में कांग्रेस के खिलाफ भाजपा और बसपा के दांवपेंच चल रहे हैं। यह मामला 9 महीने पहले बसपा के सभी 6 विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने से जुड़ा है। भाजपा विधायक मदन दिलावर ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
- सोमवार को दिलावर की पिटीशन खारिज हो गई थी, लेकिन मंगलवार को उन्होंने नए सिरे से 2 अर्जी लगा दीं। एक अर्जी बसपा विधायकों के कांग्रेस में जाने के खिलाफ है। दूसरी दलबदल के खिलाफ स्पीकर से शिकायत करने के बावजूद कार्यवाही नहीं होने और बिना वजह बताए शिकायत खारिज करने को लेकर है। दूसरी तरफ खुद बसपा ने भी बुधवार को हाईकोर्ट में पिटीशन फाइल कर दी। इसे भी भाजपा की पिटीशन के साथ ही अटैच कर दिया गया है। इन अर्जियों पर बुधवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। गुरुवार को 2 बजे से फिर सुनवाई होगी।
बसपा के ये 6 विधायक कांग्रेस में शामिल हुए थे
लखन सिंह (करौली), राजेन्द्र सिंह गुढ़ा (उदयपुरवाटी), दीपचंद खेड़िया (किशनगढ़ बास), जोगेन्दर सिंह अवाना (नदबई), संदीप कुमार (तिजारा) और वाजिब अली (नगर भरतपुर)।
अपडेट्स
- सचिन पायलट ने ट्वीट कर विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी को जन्मदिन की बधाई दी है। जोशी ने ही पायलट समेत 19 विधायकों को नोटिस देकर पूछा था कि क्यों ना आपके खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही की जाए। इस मामले में सरकार की तरफ से हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी जोशी ही पार्टी थे।
- राज्यपाल कलराज मिश्र ने 15 अगस्त को राजभवन में होने वाला ऐट होम कार्यक्रम रद्द कर दिया। इसकी वजह कोरोनावायरस का संक्रमण बताई जा रही है। दूसरी तरफ राजनीति के जानकारों का कहना है कि विधानसभा सत्र को लेकर मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच चल रही खींचतान भी इसकी वजह हो सकती है।
- राजस्थान की महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने कहा कि हम राज्यपाल से लोकतांत्रिक परंपराओं को शुद्ध रखने की अपील करना चाहते हैं। हमने कैबिनेट की मीटिंग के बाद तीसरी बार सत्र बुलाने का प्रस्ताव भेजा है। राज्यपाल के सवालों के आधार पर हम जवाब भेजते हैं, लेकिन हर बार कोई नया सवाल आ जाता है।
- सियासी उठापटक के बीच गोविंद सिंह डोटासरा ने बुधवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभाल लिया। सचिन पायलट के बागी होने की वजह से उन्हें प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाकर डोटासरा को जिम्मेदारी दी गई थी।
पायलट गुट भी हाईकोर्ट पहुंचा, एसओजी जांच रद्द करने की मांग
सचिन पायलट खेमे के विधायक भंवरलाल शर्मा ने मंगलवार को हाईकोर्ट में अर्जी लगाई। उन्होंने अपील की है कि विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले की जांच राजस्थान सरकार की एसओजी की जगह केंद्र की जांच एजेंसी एनआईए से करवाई जाए। एसओजी ने सोशल मीडिया पर वायरल हुई ऑडियो क्लिप के आधार पर एफआईआर दर्ज की है, इसलिए जांच रद्द होनी चाहिए। भंवरलाल ने केंद्र और राज्य सरकार के साथ जांच अधिकारी को भी पक्षकार बनाया है।