बलिया। फ्रांस से 7 हजार किलोमीटर की दूरी तय करके आज 5 राफेल पहली बार भारत की सरजमीं अंबाला एयरबेस पर उतरेंगे। इसको लेकर देश का सिर गर्व से ऊंचा हो उठा है वहीं, उत्तर प्रदेश में बलिया जिले के बकवा गांव में जश्न का माहौल है। यहां के रहने वाले विंग कमांडर मनीष सिंह फ्रांस से राफेल लाने वाले पायलेट्स ग्रुप में से एक हैं। गांव में भारत माता की जय के उद्घोष के साथ मिठाइयां बांटी जा रही है तो पटाखे जलाए जा रहे हैं। गांव में दिवाली जैसा उत्सव है। मनीष की बहन अंजली सिंह ने कहा कि, मेरे भाई में ने मुझे रक्षाबंधन पर राफेल गिफ्ट दिया है।
मां ने कहा- बेटे ने देशभक्ति के लिए जन्म लिया
मनीष की मां ने कहा कि, उसने देशभक्ति के लिए जन्म लिया है। वह राफेल को उड़ाने की ट्रेनिंग के लिए फ्रांस गया था तो उसकी सलामती के लिए दुआएं मांगी थी। अब वह राफेल देश में ला रहा है। उसने सीना गर्व से चौड़ा कर दिया है। पड़ोसी मुल्कों के साथ तनाव है तो मां होने के नाते डर जरूर लगता है। लेकिन, मेरे बेटे के लिए परिवार से बड़ा देश है। वहीं, नेवी में कार्यरत मनीष के भाई अनीश ने कहा कि, वह बचपन से ही आसमान में उड़ते जहाजों को देखकर कहता था कि, एक दिन मैं भी जहाज उड़ाऊंगा।
2003 में फ्लाइट लेफ्टिनेंट के पद पर हुआ था चयन
मनीष के गांव बकवा में लोग आज सुबह से ही जश्न मना रहे हैं। पटाखे जलाकर दिवाली मनाई जा रही है। मिठाइयां बांटी जा रही हैं। फौजी परिवार से तालुक रखने वाले मनीष के पिता, बाबा और भाई सभी रिटायर्ड फौजी हैं। विंग कमांडर के भाई अनीश ने बताया कि, हरियाणा के कुंजपुरा के सैनिक स्कूल से शिक्षा लेने के बाद वायुसेना में मनीष का चयन एनडीए के जरिए हुआ था। वह 2003 में बतौर फ्लाइट लेफ्टिनेंट वायुसेना में भर्ती हुए थे। फिलहाल विंग कमाण्डर हैं। इससे पहले वह गोरखपुर में तैनात थे। उन्हें राफेल उड़ाने का प्रशिक्षण लेने के फ्रांस भेजा गया था।
पिता बोले- बेटे पर मुझे गर्व
प्रशिक्षण पूरा होने के बाद राफेल को भारत लाने वाले दल में उनका चयन किया जाना पूरे परिवार के लिए गर्व की बात है। दो भाई और दो बहन में सबसे बड़े मनीष के राफेल उड़ाकर भारत लाए जाने से बकवा गांव में खुशी की लहर है। मनीष के पिता मदन सिंह को अपने बेटे पर गर्व है।