लखनऊ। देश की राजनीति में इस वक्त एक बार फिर राम मंदिर का मामला लगातार सुर्खियों में है। लोकसभा चुनाव में एक बार फिर बीजेपी राम के नाम पर सियासत करती हुई नजर आयेगी और उसने राम मंदिर के सहारे अपनी सियासी पिच को तैयार कर लिया है लेकिन कांग्रेस भी बीजेपी को बड़ा झटका दे सकती है।
अयोध्या में राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम भव्य होना जा रहा है। इसके आयोजन को लेकर योगी सरकार ने भी कड़ी मेहनत की है।
अयोध्या में राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में कांग्रेस को भी न्यौता मिला है और अब जानकारी आ रही है कि कांग्रेस भी राम मंदिर के दर्शन के लिए जाएगी। कांग्रेस का ये कदम बड़ा माना जा रहा है लेकिन कांग्रेस 22 जनवरी को नहीं जाने वाली है बल्कि वो उससे पहले ही कांग्रेस के नेता राम मंदिर के दर्शन कर सकते हैं।
भले ही इसको लेकर कांग्रेस ने अभ तक आधिकारिक ऐलान नहीं किया है लेकिन कांग्रेस के बड़े नेताओं ने मिलकर ये तय किया है कि वो दर्शन के लिए 22 जनवरी से पहले ही करने के लिए जायेगे।
कांग्रेस का ये प्लॉन काफी अच्छा बताया जा रहा है कि क्योंकि कांग्रेस को ये पता है कि बीजेपी इस एक कार्यक्रम के जरिए आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अपनी दावेदारी को मजबूत करेगी।
ऐसे मे कांग्रेस को ये समझ है कि ऐसे में जाने से भी नुकसान था और ना जाने से तुष्टीकरण के आरोप लगने तय थे। इसलिए कांग्रेस की एक टीम ने तय किया है कि वो पहले ही दर्शन करने जाये ताकि किसी तरह का विवाद भी न हो और उसका काम हो जाये यानी ना तुष्टीकरण का आरोप लगेगा और ना ही सीधे-सीधे बीजेपी को पूरी तरह क्रेडिट लेने का मौका मिलेगा। कांग्रेस की इस रणनीति से बीजेपी को बड़ा झटका लग सकता है।