लखनऊ। अयोध्या में बन रहे राम मंदिर से जुड़ी जमीन की खरीद में घोटाले के आरोपों को लेकर विपक्ष पूरी तरह सख्त नजर आ रहा है और लगातार इस मामले में एक्शन लेने के लिए सरकार से मांग कर रहा है। इस पूरे मामले में ट्रस्ट पूरी तरह से घिर चुका है और पूरे विपक्ष के निशाने पर आ गया है।
उधर मामला बढ़ता देख श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने सफाई देना भी शुरू कर दी है। इतना ही नहीं इस पूरे विवाद पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा इस पूरे विवाद पर केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजी गई है। सभी आरोपों को ट्रस्ट ने विपक्षी पार्टियों की साजिश करार दिया है।
ट्रस्ट ने ये रिपोर्ट केंद्र सरकार के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को भी भेजी है और मामले में बार-बार विपक्षी पार्टियों की साजिश बताया है। इस रिपोर्ट के माध्यम से बताया गया है कि कैसे दाम अलग-अलग हैं।
ट्रस्ट ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कथित जमीन घोटाले के आरोपों को भारतीय जनता पार्टी के विरोधियों द्वारा लगाया जा रहा है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मंगलवार को जमीन खरीद को लेकर अपनी सफाई पेश करते हुए कुछ तथ्य पेश किये हैं। इसमें बताया गया है कि जो जमीन ली गई है, वह प्राइम लोकेशन पर है इसलिए उसके दाम अधिक हैं। जितनी जमीन की खरीद हुई है, उसका दाम 1423 प्रति स्क्वायर फीट है। इस डील को लेकर दस साल से बात चल रही थी, जिसमें नौ लोग शामिल थे।
क्या है पूरा मामला
बता दें कि अयोध्या के राम मंदिर निर्माण में जुटी ट्रस्ट को लेकर आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने बड़ा आरोप लगाया था। दरअसल उन्होंने जमीन खरीद में घोटाले का आरोप लगाया है।
जमीन की कीमत सिर्फ 10 मिनट पहले 2 करोड़ रुपये थी, ऐसे में विपक्षी दलों का आरोप है कि जमीन खरीद में घोटाला हुआ है। पार्टियों ने इसे करोड़ों लोगों की आस्था से धोखा करार दिया है, जांच की मांग की है और ट्रस्ट के सदस्यों से इस्तीफा मांगा है।