लखनऊ। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में सदर सीट से विधायक अदिति सिंह ने अब अपनी अलग राह चुन ली है। उन्होंने अपने ट्वीटर प्रोफाइल से आईएनसी (INC) हटा दिया है। उन्होंने अपनी प्रोफाइल बदली तो ट्वीटर ने ब्लू टिक भी हटा दिया है। सियासी गलियारे में अदिति के इस कदम को मध्य प्रदेश के पूर्व कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के नक्शे कदम पर चलना बताया जा रहा है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी पहले अपना ट्वीटर प्रोफाइल व बायो बदला था, इसके बाद पार्टी भी बदलकर राजनीति में भूचाल मचा दिया था। इसके बाद एमपी की कमलनाथ सरकार गिर गई थी। अदिति के इस कदम के पहले से ही पार्टी व महिला विंग के महासचिव पद से निलंबित किए जाने की चर्चा थी। हालांकि, प्रदेश कांग्रेस से लेकर राष्ट्रीय स्तर के किसी नेता ने अदिति सिंह पर अभी किसी तरह की कार्रवाई की पुष्टि नहीं की है।
370 के मुद्दे पर मोदी सरकार का दिया साथ तो बस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा
केंद्र सरकार ने पिछले साल अगस्त माह में जब जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 व धारा 35 ए हटाया तो कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने पार्टी लाइन से इतर सरकार का खुलकर समर्थन किया था। इसके बाद कांग्रेस ने उन्हें नोटिस दिया था। लेकिन अदिति के बागी तेवर में तनिक भी तल्खी कम नहीं हुई। इसके बाद बीते दिनों जब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने यूपी में श्रमिकों के लिए 1000 बसें चलाने के लिए योगी सरकार से अनुमति ली और उसके बाद सियासी घमासान मचा तो भी अदिति ने पार्टी के खिलाफ ही बयान देकर भूचाल ला दिया।
छह महीने से विधायक सदस्यता का फैसला है पेंडिंग
कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा का कहना है कि उनकी विधानसभा सदस्यता खत्म करने के लिए कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष के पास नवम्बर 2019 से याचिका दायर की है। दो बार रिमाइंडर भी कांग्रेस भेज चुकी है। विधानसभा अध्यक्ष ने इस पर आगे का कोई निर्णय नहीं लिया गया हैं। मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के साथ (सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि विधानसभा की सदस्यता के ऐसे मामले में जो भी पेंडिंग उन पर फैसला तीन महीने में करें) के साथ विधानसभा अध्यक्ष को सदस्यता रद्द करने की अपील का रिमाइंडर भेजा गया है।