नई दिल्ली। राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 18 जुलाई को होना है। बीजेपी चुनाव में जीतने के लिए जोड़-तोड़ की राजनीति कर रही है। ये आरोप लगाया है कांग्रेस के दो विधायकों ने। मध्यप्रदेश के कांग्रेस के दो आदिवासी विधायकों ने खुले तौर पर बीजेपी पर आरोप लगाया है कि वह राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में मतदान करने पर पचास लाख और मंत्री पद तक दिए जाने का प्रलोभन दिया गया है।
विरोधी दलों के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा गुरुवार को भोपाल में थे और उन्होंने कांग्रेस विधायकों के साथ बैठक की। कांग्रेस विधायक उमंग सिंघार का आरोप है कि उन्हें एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करने पर पचास लाख रुपये देने की पेशकश की गई है।
वहीं कांग्रेस के ही आदिवासी विधायक पांचीलाल मेड़ा ने भी प्रलोभन देने का आरेाप लगाया है। उनका कहना है कि गुरुपूर्णिमा के दिन उन्हें एक अज्ञात फोन आया था, जिसमें उन्हें मंत्री पद तक दिए जाने की बात कही गई। मेड़ा का कहना है कि वे कांग्रेस के दूसरी बार विधायक है जो बीजेपी सरकार के मंत्री से कम नहीं है।
विरोधी दलों के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने इसे दुखी करने वाली घटना बताते हुए कहा कि जब बीजेपी मुझे हारा हुआ प्रत्याशी बता चुकी है तो फिर इस तरह के हथकंडे क्यों अपनाए जा रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी डर गई है इसलिए विधायकों की खरीद फरोख्त का रास्ता अपनाया है। मध्य प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र में चुनी हुई सरकार को अपदस्थ किया गया। गोवा में कांग्रेस के विधायकों को तोड़ने का प्रयास हुआ। लोकतंत्र में इससे बड़ा अपराध नहीं हो सकता है।