नयी दिल्ली। 2019 चुनावों में महागठबंधन को लेकर ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी की बैठक दिल्ली मुख्यालय में आरंभ हो गई है। इस अहम बैठक में सोनिया गांधी नहीं पहुंची है जिसको लेकर चर्चा जोरों पर है। लेकिन इस अहम बैठक में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी शामिल हुए हैं। कांग्रेस कई राज्यों में लगातार मिल रही हार की वजह से परेशान चल रही है। उनके नेता राहुल गांधी जनता को अपने से जोड़ने में असफल हो रहे है। उनकी राजनीतिक अपरिक्वतता और बेसिर पैर के बयान कई बार पार्टी की मुश्किलें बढ़ा चुके है। लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री पद के लिए चेहरा पेश करने के सवाल पर सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस फिलहाल दो चरणों में काम कर रही है। पहला चरण सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाकर भाजपा और नरेंद्र मोदी को हराने का है। दूसरा चरण चुनाव परिणाम का है जिसके बाद दूसरे बिंदुओं पर बात होगी। सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री पद को लेकर चुनाव से पहले बातचीत करना ‘विभाजनकारी’ होगा।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस भारत के सबसे बड़े प्रदेश यूपी में गठबंधन करने के लिए पूरी कोशिश कर रही है। लेकिन उसका जनाधार रायबरेली और अमेठी के अलावा कहीं नहीं है। इसको देखते हुए उत्तर प्रदेश में गठबंधन में बंध रहीं समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी कांग्रेस को गठबंधन में शामिल करने के लिए इच्छुक नहीं दिख रही है। उल्लेखनीय है कि इसके अलावा अन्य कारण भी हैं जैसे सीटों को लेकर फंसे पेंच को भी जिम्मेदार माना जा रहा है।
शनिवार को ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी की बैठक में सोनिया गांधी के ना जाने को लेकर बताया है कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं चल रहा है। इस कारण वे ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी की बैठक में शामिल नहीं हो पाई हैं। बैठक में देश की राजनीतिक हालात के अलावा असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनसीआर) पर भी चर्चा होने की संभावना है। राहुल गांधी की अध्यक्षता में यह कार्यकारिणी समिति की दूसरी बैठक है। कांग्रेस ने एनआरसी मुद्दे पर नरेंद्र मोदी सरकार की यह कहते हुए आलोचान की कि इस अति संवेदनशील मुद्दे पर सरकार का रवैया सुस्त रहा है और इससे असम में बड़े पैमाने पर असुरक्षा की भावना पैदा हो गई है। 30 जुलाई को जारी एनआरसी ड्राफ्ट से 40 लाख लोगों को बाहर रखा गया है। सूत्रों ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में गठबंधन के लिए सपा, बसपा एवं अन्य भाजपा विरोधी दलों के बीच भी ‘रणनीतिक समझ’ बन गई है। उन्होंने दावा किया कि अगर उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र में ‘सही से’ गठबंधन हो गया तो भाजपा सत्ता में नहीं लौटने वाली है।
महत्वपूर्ण निर्णय लेने वाली कांग्रेस की इस उच्च इकाई की बैठक में इस साल चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनावों की तैयारियों पर भी चर्चा होने की संभावना है। इस बैठक के दौरान कांग्रेस आगमी चुनाव 2019 के लिए विशेष बात करेगी। साथ ही कहा जा रहा है कि पीएम पद के उम्मीदवार को लेकर बात होगी। महागठबंधन को लेकर भी बात होने की संभावना जताई जा रही है। बता दें कि महागठबंधन के पीएम उम्मीदवार को लेकर पेंच फंसा हुआ है जिसको लेकर अभी तक कोई समाधान नहीं दिख रहा है। देखना है कि इस बैठक के दौरान पीएम उम्मीदवार को लेकर बात बन पाती है या नहीं।
कांग्रेस कई राज्यों में लगातार मिल रही हार की वजह से परेशान चल रही है। उनके नेता राहुल गांधी जनता को अपने से जोड़ने में असफल हो रहे है। उनकी राजनीतिक अपरिक्वतता और बेसिर पैर के बयान कई बार पार्टी की मुश्किलें बढ़ा चुके है।