राहुल गांधी ने पीएम मोदी को हिन्दुत्व पर घेरा, पूछा हिन्दुत्व का सार

जोधपुर। भारतीय राजनीति में अब विकास की बातें नहीं हो रही है अब एक दूसरे की जाति और गोत्र पूछने का सिलसिला शुरू हो गया है। सत्तारूढ़ और विपक्षी पार्टियों के कई नेता इस पर लगातार बयानबाजी कर रहे है। इसी सिलसिले में कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम के हिन्दुत्व पर सवाल उठा दिया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी शनिवार को राजस्थान के दौरे पर हैं। सबसे पहले वह उदयपुर में कारोबारियों से रूबरू हुए और इस दौरान मोदी सरकार को कई मुद्दों पर घेरा। राहुल ने नोटबंदी से लेकर सर्जिकल स्ट्राइक तक मोदी सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने पीएम मोदी को हिंदुत्व के मुद्दे पर भी घेरते हुए कहा कि वह किस तरह के हिंदू हैं।

पीएम मोदी पर करारा हमला बोलते हुए राहुल ने कहा, हिंदुत्व का सार क्या है? गीता में क्या कहा गया है? इसका ज्ञान हर किसी को है, हर जगह ज्ञान फैला हुआ है। हर जीवित वस्तु के अंदर ज्ञान है। हमारे पीएम कहते हैं कि वह हिंदू हैं लेकिन वह हिंदुत्व की नींव को नहीं समझते। वह किस तरह के हिंदू हैं? राहुल ने कहा, यूपीए सरकार के समय एनपीए दो लाख करोड़ रुपये था, मोदी सरकार के चार साल में एनपीए 12 लाख करोड़ रुपये हो गया। मोदी सरकार ने उद्योगपतियों का कर्ज माफ किया। कुल 15 उद्योगपतियों का कर्जा माफ किया गया है, ये सरकार करोड़ों हिदुस्तानियों का कर्ज क्यों नहीं माफ करती है। बड़े लोगों का कर्जा छुपाकर माफ किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, नोटबंदी और जीएसटी के बारे में हिन्दुस्तान की जनता भ्रमित है। नोटबंदी एक स्कैम है। इसका लक्ष्य छोटे उद्योगों की रीढ़ की हड्डी को तोड़ना था। चाहे नोटबंदी हो या गब्बर सिंह टैक्स, इनका लक्ष्य बड़ी-बड़ी कंपनियों का रास्ता खोलना था। इसका मकसद था कि हिंदुस्तान के बड़े 15 उद्योगपतियों को मौका दिया जाए। राहुल ने कहा कि यह एक गलत धारणा है कि प्राइवेट सेक्टर एजुकेशन संस्थान बेहतर हैं। इस देश को सरकारी हेल्थकेयर सेवाओं के बिना नहीं चलाया जा सकता। हिंदुस्तान के सबसे बेहतरीन संस्थान सरकारी हैं। राहुल ने कहा कि मोदी सरकार ने सर्जिकल स्ट्राइक को राजनीतिक बना दिया। मोदी सरकार ने इसका फायदा उठाया। मनमोहन सिंह सरकार ने तीन बार सर्जिकल स्ट्राइक की, क्या आपको इसकी जानकारी है?

उल्लेखनीय है कि भाजपा शासित प्रदेश राजस्थान में 7 दिसंबर को मतदान होना है। मतगणना बाकी पांच राज्यों में हुए चुनावों के लिए 11 दिसंबर को होगी। राजस्थान का इतिहास रहा है कि वह एक बार भाजपा और दूसरी बार कांग्रेस को मौका देती है इसलिए इस बार भी यहां मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच है। सीएम वसुंधरा राजे इस बार अकेले ही कई चुनौतियों से जूझ रही हैं। वह दिल्ली के आदेशों को मानने से कई बार इनकार कर चुकी हैं। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस कद्दावर नेताओं की एकजुटता के दम पर मैदान में उतरी है। सचिन पायलट और अशोक गहलोत के अलावा के बड़े नेता चुनाव लड़ रहे हैं। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस अभी अपना सीएम उम्मीदवार एलान नहीं करेगी क्योंकि उसके पास सीएम पद के लिए दो अहम चेहरे हैं इसलिए वह नहीं चाहती है कि एक को उम्मीदवार बनाने पर दूसरा उम्मीदवार भितरघात करे।

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