नयी दिल्ली। रिया चक्रवर्ती के इंटरव्यू के बाद उनके सपोर्ट में कई लोग खड़े होते दिखाई दे रहे हैं। सुशांत की मौत पर चुप्पी साधे बैठे स्वरा भास्कर जैसी एक्ट्रेस भी सानमे आकर अब रिया चक्रवर्ती का सपोर्ट कर रही हैं। तापसी पन्नू ने भी हाल ही में रिया को लेकर बयान दिया था। सोशल मीडिया पर भी रिया चक्रवर्ती को न्याय दिलाने का अभियान चल रहा है। विवादित इंटरव्यू पर दूसरी तरफ काफी सवाल उठाए जा रहे हैं।
सुशांत सिंह राजपूत के परिवार के वकील विकास सिंह ने बुधवार को कहा कि अभिनेता के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर परिवार को बदनाम करने और अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती को लाभ पहुंचाने के लिए कुछ चैनलों द्वारा दुर्भावनापूर्ण अभियान चलाया जा रहा है। रिया पर अभिनेता को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया है।
वरिष्ठ अधिवक्ता ने मीडिया को से कहा कि सुशांत की तीन बहनें – प्रियंका, मीतू और रानी ने उन्हें बताया कि वे अभिनेता के मानसिक स्वास्थ्य के संबंध में कुछ समाचार चैनलों द्वारा शुरू किए गए नकारात्मक और झूठे अभियान से बेहद दुखी हैं। वकील ने कहा कि सुशांत के पिता द्वारा दर्ज की गई प्राथिमकी सार्वजनिक है और इसके बाद भी यह कहा जा रहा है कि परिवार को उनके अवसाद के बारे में पता था।
उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘प्राथमिकी में स्पष्ट रूप जिक किया गया है कि सुशांत के जीवन में रिया के आने के बाद उन्हें मानसिक समस्याएं होने लगीं। यह भी उल्लेख किया गया है कि वह समस्याओं के लिए जिम्मेदार थी और वह मानसिक समस्याओं के कारण चिंतित थे।
उन्होंने कहा कि रिया ने सुशांत के इलाज के बारे में कभी भी परिवार के सामने फाइलों का खुलासा नहीं किया। इसके अलावा जो साझा किया गया वह सिर्फ दवाइयों के बारे में थ न कि बीमारी के बारे में। वरिष्ठ वकील ने कहा कि कुछ चैनलों द्वारा एक अभियान लगातार चलाया जा रहा है और यह परिवार की विनम्र अपील है कि वे शोक संतप्त परिवार की पीड़ा नहीं बढ़ाएं।
सिंह ने कहा कि यह भी कहा जा रहा है कि सुशांत की जीवन बीमा पॉलिसी है और अगर आत्महत्या के कारण मृत्यु घोषित होती तो परिवार को पैसा नहीं मिलेगा। इसी लिए आत्महत्या की बात को बाद में आत्महत्या के लिए उकसाने में बदल दिया गया। उन्होंने कहा कि सुशांत की कोई जीवन बीमा पॉलिसी नहीं थी।
उन्होंने यह भी कहा कि सुशांत के पिता और बहन ने फैसला किया है कि पिता की सहमति के बिना इस संबंध में किसी फिल्म या धारावाहिक का निर्माण नहीं होना चाहिए और न ही कोई किताब लिखी जानी चाहिए।