नई दिल्ली, 15 जून (हि.स.)। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के राइट्स इश्यू यानी पार्टली पेड अप सोमवार को शेयर बाजार में लिस्ट हो गई। आरआईएल का राइट्स इश्यू 690 रुपए प्रति शेयर की कीमत पर लिस्ट हुई। इसका बेस प्राइस 646 रुपये था, जिसके मुकाबले लिस्टिंग 44 रुपये अधिक पर हुई है। बता दें कि आरआईएल के 53,124 करोड़ रुपये का राइट्स इश्यू 3 जून को बंद हुआ था, जिसे निवेशकों का शानदार रिस्पासं मिला और ये करीब 1.5 गुना अधिक सब्सक्राइब हुआ था।
पूंजी बाजार के नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) से अनुमति मिलने के बाद 15 जून 2020 को रिलायंस राइट्स इश्यू शेयरों का कारोबार शुरू हो गया है। दरअसल आरआईएल के शेयरों से अलग ये शेयर RELIANCEPP के नाम से शेयर बाजारों में लिस्ट हुए हैं। इसके लिए एक अलग आईएसआईएन नंबर IN9002A01024 भी जारी किया गया है।
रिलायंस के राइट्स इश्यू में पहली किस्त के तौर पर सिर्फ 25 फीसदी राशि ही ली गई है। इस हिसाब से यदि आंशिक भुगतान किए गए शेयर का बाजार भाव, पूर्ण भुगतान वाले शेयर के 25 फीसदी से ज्यादा होता है। वहीं, कुछ एक्सपर्ट्स और मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आंशिक भुगतान शेयर के 630 से 750 रु के बीच ट्रेड करने का अनुमान है।
राइट्स इश्यू के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज में मुकेश अंबानी की हिस्सेदारी बढ़कर 12 साल के सर्वोच्च स्तर 49.14 फीसदी पर पहुंच गई है। रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) का हाल में सपन्न हुआ राइट्स इश्यू बेहद सफल रहा था। 53,124 करोड़ रुपये के राइट्स इश्यू में अंबानी और प्रमोटर परिवार के अन्य सदस्यों ने 22.5 करोड़ शेयर सब्सक्राइब कर 28,286 करोड़ रुपये का निवेश करने का वादा किया था।
गौरतलब है कि राइट्स इश्यू के तहत रिलायंस के शेयरधारकों को कंपनी ने 15 शेयरों पर 1 शेयर जारी किया था। जिसकी प्रति शेयर कीमत 1257 रु लगाई गई थी। आवेदन पत्र के साथ शेयरधारकों को 25 फीसदी यानी 314.25 रु चुकाने थे। और बाकी बची रकम दो किस्तों में दी जानी थी। मई 2021 में पहली किस्त 314.25 रुपये और बाकी बची 50 फीसदी रकम यानी 628.5 रुपये नंवबर 2021 तक चुकाई जानी है।
उल्लेखनीय है कि पिछले 10 वर्षों में दुनिया के सबसे बड़े राइट्स इश्यू से रिलायंस ने 53,124 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई थी। रिलायंस के राइट्स इश्यू को चौतरफा समर्थन मिला और यह इश्यू 1.59 फीसदी सब्सक्राइब हुआ था। इसमें अच्छी बात है कि कोविड-19 के संक्रमण काल में भी कंपनी को 84 हजार करोड़ रुपये की बोली मिली थी।