वॉशिंगटन| अमेरिकी संघीय एजेंसियों और उद्यमों पर व्यापक साइबर हमलों की कड़ी में अब हैकरों ने नासा और फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) के नेटवर्क में भी सेंध लगाई है। ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ ने इस आशय से संबंधित एक रिपोर्ट प्रकाशित किया है, जिसमें कहा गया है कि बाइडेन प्रशासन रूस के खिलाफ प्रतिबंधों की तैयारी कर रहा है, क्योंकि कथित तौर पर साइबर अपराधी “संभवत: रूसी मूल के” हैं।
गौरतलब है कि व्हाइट हाउस ने पिछले हफ्ते कहा था कि सोलर विंड्स हैक के परिणामस्वरूप नौ संघीय एजेंसियों और लगभग 100 निजी क्षेत्र की कंपनियों पर साइबर अटैक हुआ था।
इस व्यापक साइबर हमले की जांच सीनेट इंटेलिजेंस कमेटी को सौंपी गई है। कमेटी की सुनवाई से पहले ही नासा और एफएए के नेटवर्क में साइबर हैकरों द्वारा सेंध लगाने की बात सामने आई है।
नासा के एक प्रवक्ता ने हालांकि इस रिपोर्ट का खंडन तो नहीं किया है, अलबत्ता यह जरूर कहा कि चूंकि अभी जांच चल रही है, इसलिए इस संबंध में विस्तृत जानकारी साझा नहीं की जा सकती है।
एफएए के प्रवक्ता ने प्रतिक्रिया देने के अनुरोध का जवाब नहीं दिया। जिन अन्य संघीय एजेंसियों पर साइबर हमला किया गया उनमें वाणिज्य, ऊर्जा, मातृभूमि सुरक्षा, न्याय विभाग, खजाना और स्वास्थ्य संस्थान शामिल हैं।
इस तरह के साइबर अटैक का पता पिछले वर्ष चला जब ‘फायर-ई’ ने अपने नेटवर्क में हैकरों द्वारा सेंध लगाने की बात कही थी।
साइबर एंड इमजिर्ंग टेक्नोलॉजी के उप-राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ऐनी न्युबर्गर ने एक ब्रीफिंग में कहा कि साइबर अपराधी “संभवत: रूसी मूल के” हैं और उन्होंने अमेरिका के अंदर से ही अपनी कार्रवाई को अंजाम दिया है। हमले को अंजाम देने के लिए हैकरों ने आईटी मैनेजमेंट कंपनी सोलर विंड्स द्वारा बेचे गए ओरियन सॉफ्टवेयर में एक मैलवेयर लगाया था।
न्युबर्गर ने कहा कि जैसा कि आप जानते हैं लगभग 18,000 संस्थाओं ने इस मैलवेयर को डाउनलोड किया। इसलिए अभी तक हैकिंग के जितने मामलों का पता चला है, वास्विक संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है।
उन्होंने कहा कि चूंकि हैकरों ने अमेरिका के अंदर से ही हैकिंग शुरू की, इसलिए अमेरिकी सरकार के लिए उनकी गतिविधियों पर नजर रखने में परेशानी हुई।