नई दिल्ली। दुनिया की पहली कोरोना वायरस वैक्सीन रूस की होगी। आज रूस ने इस वैक्सीन का पंजीकरण भी करा दिया। रूस के राष्ट्रपति ब्लामिदिर पुतिन ने तमाम आशंकाओं के बीच वैक्सीन के पंजीकरण की घोषणा की। रूस अगले महीने तक इस वैक्सीन का उत्पादन बड़े पैमाने पर शुरू करेगा और दुनिया को यह वैक्सीन जनवरी 2021 में मिलने लगेगी।
रूस के गैमालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ने पिछले हफ्ते ही इस वैक्सीन के तीसरे चरण का परीक्षण हजारों लोगों पर किया था। रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा है कि अगले महीने तक इस वैक्सीन का उत्पादन बड़े पैमाने पर शुरू हो जाएगा और अक्टूबर से लोगों को टीका लगाने का काम भी युद्ध स्तर पर किया जाएगा। रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने मंगलवार को सुबह एक टेलीविजन प्रसारण में कहा कि कोरोना वायरस को मारने वाला दुनिया की पहली वैक्सीन पंजीकृत कर ली गई है।
उन्होंने दावा किया कि यह वैक्सीन पूरी तरह असरकारक है और इससे बनने वाली इम्यूनिटी लंबे समय तक बरकरार रह सकती है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जानकारी दी कि उनकी दोनों बेटियों को इस वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है। उन्होंने कहा कि वे दोनों ठीक महसूस कर रही हैं और किसी तरह के साइड इफेक्ट्स नहीं हैं। इसका पंजीकरण सर्टिफिकेट स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
हालांकि कुछ एक्सपर्ट एवं मल्टीनेशनल कंपनियों का दावा है कि रूस की इस वैक्सीन का अभी भी तृतीय चरण का परीक्षण नहीं हुआ है। डब्लूटीओ ने भी रूस से पिछले हफ्ते कहा था कि वैक्सीन को जारी करने की जल्दबाजी ना करें। तय मानदंडों के अनुसार पहले तृतीय चरण का परीक्षण करें, ताकि यह वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित सिद्ध हो सके। एसोसिएशन ऑफ क्लिनिकल ट्रायल्स ऑर्गेनाइजेशंस ने भी 10 अगस्त को रूस सरकार से आग्रह किया था कि इस वैक्सीन के पंजीकरण से पहले ठीक तरह से परीक्षण कर लें लेकिन रूस के स्वास्थ्य परीक्षण अभिकरण के उप प्रमुख वालेनटिना कोसेंको का दावा है कि हजारों लोगों पर तीसरे चरण का परीक्षण किया जा चुका है और किसी पर भी कोई खास नकारात्मक असर देखने को नहीं मिला है।