रूस-यूक्रेन जंग में प्यास से मर रहे बच्चे: यूक्रेनियन लड़की का दावा

मारियुपोल। लगभग एक महीने से जारी रूसी हमले में यूक्रेन तबाह हो चुका है। एक खूबसूरत सा देश अब खंडहर की शक्ल लेने लगा है। वहां रहने वाले बच्चे, बूढ़े, महिला, युवा आसमान से बरस रही मौत का सामना कर रहे हैं या अपना देश छोड़ने को मजबूर हैं। हर दिन वहां से दिल दहलाने वाली खबर और तस्वीरें बाहर आ रही हैं।

ऐसे में अब खबर आ रही है कि मारियुपोल में तीन बच्चों की प्यास से मौत हो गई है। मारियुपोल वही जगह है, जिसे रूस-यूक्रेन जंग सबसे ज्यादा क्षति पहुंची है। इस शहर पर कब्जा जमाने के लिए रूसी सेना ने इसे चारों तरफ से घेर रखा है। शहर में पानी, खाना, दवाई, बिजली, गैस जैसी बेसिक जरूरतों की सप्लाई को रोक दिया गया है।

बम से ही नहीं बल्कि प्यास-भूख से भी लड़ रहे लोग

27 साल की विक्टोरिया मारियुपोल में रहती थी। किसी भी तरह वो वहां से बचकर निकलीं और रूस का क्रूर चेहरा दुनिया के सामने लेकर आई हैं। विक्टोरिया का दावा है कि उन्होंने अपनी आंखों के सामने तीन बच्चों को प्यास से तड़पकर मरते देखा है।

उन्होंने कहा, ‘मेरा शहर पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है। मैटरनिटी हॉस्पिटल, चिल्ड्रन वॉर्ड, थियेटर, स्कूल सबको मिसाइल से भर दिया गया है। लोग बेसमेंट में रहने को मजबूर हैं। शहर में खाना और पानी दोनों की किल्लत है। अधिकांश लोगों के पास खाना और पानी नहीं है। तीन बच्चे डिहाइड्रेशन से मर गए। ये 21वीं सदी है और मेरे शहर में बच्चे प्यास से मर रहे हैं। वो भूखे हैं।’

रूस की बमबारी में मारियुपोल शहर 90 फीसदी तबाह

लगभग साढ़े चार लाख आबादी वाले इस शहर को कब्जाने के लिए रूस ने अपनी सारी ताकत झोंक दी है। मारियुपोल अजोव सागर से जुड़ा है। यहां पर यूक्रेन का अहम बंदरगाह है। यूक्रेन की अर्थव्यवस्था में यहां से चलने वाले बिजनेस का अहम रोल है। ये शहर क्राइमिया और डोनबास के बीच लैंड कॉरिडोर का काम करता है। रूस ने सबसे ज्यादा बमबारी इसी शहर पर की है। यूक्रेन के अफसर का कहना है कि मारियुपोल पर रूस हर 10 मिनट में बमबारी कर रहा है। शहर का 90 फीसदी हिस्सा तबाह हो चुका है। पूरा शहर मलबे का ढेर बन गया है

रूस-यूक्रेन जंग की वायरल तस्वीरें, जिस देख दुनिया सन्न

जंग शुरू करने के बाद से रूस लगातार दावा कर रहा कि वो आम लोगों को नुकसान नहीं पहुंचा रहा। लेकिन दुनिया के सामने जो तस्वीरें आ रही हैं, वो कुछ और ही हकीकत बयां कर रही हैं। हर तरफ तबाही का मंजर है। रोते-बिलखते बच्चे, अपना सबकुछ छोड़ भागते लोग, बेसमेंट में पैदा हो रहे नवजात, अपने को छोड़ने के गम में रोते बड़े-बुजुर्ग या अपने जानवरों को सीने से लगाए लोग। ये सारी ही तस्वीर बताने के लिए काफी हैं कि इस वक्त यूक्रेन के लोग किस डर, तकलीफ से गुजर रहे हैं। यूक्रेनी राष्ट्रपति का दावा है कि रूसी में हमले में ना सिर्फ बच्चे मरे हैं बल्कि रूसी सेना उन्हें किडैनप भी कर रही है।

2,500 यूक्रेनी बच्चों को किडनैप करके रूस भेज गया
यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन पर डोनबास के डोनेट्स्क और लुहान्स्क से लगभग 2,500 यूक्रेनी बच्चों को किडनैप करके रूस भेजने का आरोप लगाया गया है। वहीं दूसरी तरफ यूक्रेनी मिलिट्री का दावा है कि रूस के आर्मी के पास सिर्फ तीन दिन की सप्लाई बची है।

बच्चों पर सबसे ज्यादा मुश्किल लेकर आया युद्ध
यूनीसेफ ने दावा किया है कि अब तक 15 लाख यूक्रेनी बच्चे बेघर हुए हैं। यानी हर सेकेंड में 1 बच्चा रिफ्यूजी बनने को मजबूर है। UNICEF के प्रवक्ता जेम्स एल्डर का कहना है कि इन बच्चों की खरीद-फरोख्त हो सकती है। इससे पहले, यूक्रेन ने रविवार को बताया था कि रूस के हमले में अब तक 112 बच्चों की मौत हो चुकी है।

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