काबुल। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल धमाकों से दहल गई। काबुल शहर में यह धमाके बीचों बीच स्थित घनी आबादी वाले ग्रीन जोन और उत्तरी इलाके में हुए। ख़बरों के अनुसार, पब्लिक हेल्थ मिनिस्ट्री से पता चला है कि काबुल में रॉकेट हमले किये गये इन हमलों से 5 लोगों की मौत हो गई है और 21 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। वहीं आंतरिक मंत्रालय से इस बात की जानकारी मिली है कि आज सुबह से काबुल में 14 रॉकेट दागे गए हैं।
इन इलाकों में मची तबाही
पहले तो चहल सुतून और अरजान कीमत इलाकों में दो धमाकों के कुछ ही मिनटों के बाद काबुल के कई इलाकों में रॉकेट गिराए गये। ख़बरों के अनुसार, मंत्रालय ने बताया कि काबुल के वजीर अकबर खान और शहर-ए-नाव इलाके के अलावा चहर काला, पीडी4 में गुल-ए-सुर्ख, सदारत गोल रोड, शहर के बीचों बीच मौजूद स्पिंजर रोड, नेशनल आर्काइव रोड के पास पीडी2 में और काबुल के उत्तरी इलाके में मौजूद लीसी मरियम बाजार और पंजसाद परिवार इलाक में रॉकेट गिराए गये।
फिलहाल इस मामले को लेकर अधिकारियों की तरफ से किसी भी तरह की कोई प्रक्रिया नहीं आई है। हालांकि, आंतरिक मंत्रालय का कहना है कि शनिवार की सुबह दो छोटे ‘स्टिकी बॉम्ब’ से धमाके हुए थे। इनमें से एक ने पुलिस की कार को निशाना बनाया था, जिसमें एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई थी और तीन घायल हो गए थे।
इस धमाके से जुड़े कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। इसमें दिखाया जा रहा है कि रॉकेट ने भवनों में छेद कर दिए हैं। हालांकि, इन तस्वीरों की सत्यता की जांच नहीं हो सकी है।
तालिबान ने शपथ ली है कि वे यूएस विथड्रॉवल डील के तहत किसी भी शहरी इलाके में हमला नहीं करेंगे, लेकिन काबुल प्रशासन ने इस हमलों के आरोप उनके विद्रोहियों या समर्थकों पर आरोप लगाए हैं। खास बात है कि तालिबान और अफगान सरकार की तरफ से बातचीत की प्रक्रिया सितंबर में शुरू हो गई है, लेकिन इसकी गति धीमी बनी हुई है।
आंतरिक मंत्रालय के प्रवक्ता तारिक आरियान ने कहा था कि बीते 6 महीनों में तालिबान ने 53 फिदायीन हमले और 1250 धमाके किए हैं। इन हमलों में कुल 1210 आम नागरिकों की मौत और 2500 घायल हो चुके हैं।