लखनऊः गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा सरोजनीनगर सीआरपीएफ कैम्प

लखनऊ। सरोजनीनगर इलाके के तहत सीआरपीएफ कैम्प में आज एक हवलदार ने संदिग्ध हालत में खुद पर फायरिंग करके आत्महत्या कर ली। क्वार्टर गार्ड अरविन्द कुमार सिंह इस कैम्प में बतौर मेस कमांडर ड्यूटी दे रहा था। वह मेरठ जिले का रहने वाला था। यह मामला सीआरपीएफ कैम्प में पेश आया जिसके बाद वहां पर अफरातफरी मच गयी। सरोजनीनगर में सीआरपीएफ के मेस कमांडर ने अपने सहकर्मी की एके-47 खुद पर ताबड़तोड कई फायर कर लिये। एक गोली कमांडर की कनपटी को भेदती हुई दूसरी ओर से निकल गई, जबकि अन्य गोलियां कमांडर के दाहिने और बायें हाथ में लगने से वह खून से लथपथ होकर मौके पर ही गिर गया। गोलियों की तड़तडाहट सुनकर मौके पर पहुंचे सहकर्मी घायल को लेकर विभागीय अस्पताल पहुंचे। जहां चिकित्सकों ने घायल को मृत कर दिया। मौके पर पहुंची सरोजनीनगर पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। पुलिस आत्महत्या के कारणों को स्पष्ट करने के लिए पूछताछ कर रही है।

मेरठ जिले के किठौर थानान्तर्गत गोविंदपुर निवासी हवलदार पद पर तैनात अरविंद कुमार सिंह 47 सरोजनीनगर के बिजनौर स्थित सीआरपीएफ गु्रप केंद्र में मेस कमांडर था और वह परिसर की ही सिविल बैरक में अकेले रहता था। पुलिस का कहना है कि किसी कारणवश कुछ दिनों पहले अरविंद को विभागीय अधिकारियों द्वारा प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई थी। अरविंद को आज दूसरे को मेस का चार्ज देना था। लेकिन वह दोपहर करीब पौने एक बजे कहीं से घूमकर गेट नंबर. 3 से कैम्पस में आया था। अरविंद ने गेट नम्बर 3 गार्ड रूम के पास अपनी साइकिल खड़ी की थी और कैम्पस के अन्दर चला गया था। अन्दर पहुंचते ही उसने मौके पर तैनात हेड कान्सटेबल अनिल कुमार के पास रखी उसकी एके.47 उठा ली और खुद के ऊपर अचानक फायरिंग शुरू कर दिया।

गोलियों की तड़तडाहट से सीआरपीएफ कैम्पस थर्रा गया। मौके पर सीआरपीएफ के तमाम कर्मी और अधिकारी पहुंच गए। अरविंद खून से लथपथ जमीन पर पड़ा हुआ था। सहकर्मी घायल अरविंद को तत्काल उठाकर विभागीय अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया। अधिकारियों की सूचना पर मौके पर स्थानीय पुलिस पहुंच गई।

सरोजनीनगर पुलिस का कहना है कि एक गोली अरविंद की बांयी कनपटी को भेदती हुई दाहिनी तरफ से निकल गई है, जबकि अन्य गोलियां उसके बायें और दाहिने हांथ पर लगी हैं। पुलिस ने घटना स्थल की छानबीन करने के बाद शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। बताया जा रहा है कि मृतक अपने पीछे पत्नी सुशीला, 9 वर्षीय बेटा, 14 वर्षीय बेटी तनु छोड़ गया है। मृतक का परिवार मेरठ में ही रहता है। पुलिस ने परिजनों को मामले की सूचना दे दी है।

सोलह राउण्ड झोंके फायर

मौके पर पहुंची पुलिस को छानबीन के दौरान घटना में प्रयुक्त एके.47 राइफल के 16 खोखे गार्ड रूम में पड़े मिले। जबकि मैगजीन में 13 जिंदा कारतूस और एक कारतूस रायफल क चेंबर में फंसा मिला है। अरविंद ने कुल सोलह राउण्ड फायर किए हैं। कयास लगाई जा रही है कि अरविंद ने पहली गोली अपनी बांई कनपटी पर मारी है। जिसके चलते वह गिर गया, ट्रिगर में उंगली फंसने से ताबड़तोड फायर होते रहे। पुलिस ने एके.47 के अलावा खोखे और जिंदा कारतूस अपने कब्जे में ले लिए हैं।

मोबाइल फोन से बात करते हुए गुजरा था गेट से

पुलिस ने मामले की तह तक पहुंचने के लिए 3 नम्बर गेट के पास लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाली थी। फुटेज में अरविंद साइकिल से आता दिखा, उसने अपनी साइकिल गार्ड रूम के पास खड़ी की और मोबाइल फोन से किसी से बातचीत करते हुए गेट से गुजरा था। पुलिस ने अरविंद का मोबाइल फोन कब्जे में ले लिया है। जांच पड़ताल में पता चला कि अरविंद मोबाइल फोन से अपने घर के ही किसी सदस्य से बातचीत कर रहा था। हालांकि अरविंद क्या बात कर रहा था, इसके बारे में पुलिस को कुछ नहीं मालूम। थाना प्रभारी सरोजनीनगर ने बताया कि मोबाइल फोन की सीडीआर निकलवाकर उस दौरान हुई बातचीत के बारे में पता लगाया जायेगा।

अधिकारियों ने साधी चुप्पी

अरविंद के सहकर्मियों ने बताया कि वह कुछ दिनों से परेशान चल रहा था। अभी हाल ही में उसे प्रतिकूल प्रविष्टïी मिली थी। आज ही उसे दूसरी मैस का चार्ज भी लेना था। उससे पुरानी मेस का चार्ज क्यों छीना गया, इस बारे में सीआरपीएफ के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। हालांकि सहकर्मियों ने शोषण होने की आशंका जताई है। वहीं दूसरी तरफ मृतक अरविंद के बाएं हाथ में कई गोलियां और बांयी कनपटी पर ही गोली लगने के निशानों ने उसकी आत्महत्या पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जबकि सीआरपीएफ ग्रुप केंद्र के कमांडेंट श्यामचंद्र और सरोजनीनगर प्रभारी निरीक्षक रामसूरत सोनकर आत्महत्या बता रहे हैं।

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