लखनऊ। शहर को स्मॉर्टसिटी बनाये जाने के दावों के बीच जानकीपुरम विस्तार जनसमस्याओं को गढ़ बन चुका है। इस साल हुयी भारी बारिश के बाद जगह-जगह सड़कें क्षतिग्रस्त पड़ी हुयी। सेक्टर-दो में बन चुके कूड़ाघर के बावजूद जगह-जगह कूड़ों के ढेर लगे हुये है, उसे उठाने के बजाय उसमें आग लगा दी जाती है जबकि वहीं बने कूड़ेघर का प्रयोग व्यवसायिक गतिविधियों में किया जा रहा है। इसके साथ ही आवासीय कालोनियों की सड़कों पर दिनभर भारी वाहनों का आना जाना बना हुआ है। जनसमस्याओं का गढ़ बन चुकी जानकीपुरम विस्तार कॉलोनी यूं तो पूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल बिहारी वाजपेई की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक थी जिसका निर्माण लगभग 18 वर्ष पूर्व किया गया परंतु आज भी यह मूलभूत सुविधाओं का इंतजार कर रही है फिर चाहे बात अच्छी सड़कों की हो सीवर की हो अच्छी स्वास्थ्य सेवाओं की हो या फिर स्वच्छ भारत को मूर्त रूप देने के लिए कूड़ा निस्तारण की हो। सामाजिक संस्थाओं की तरफ से अनवरत प्रयास जारी हैं कि स्थानीय निवासियों को जल्द से जल्द इन सुविधाओं को उपलब्ध कराया जा सके।
समय-समय पर यहां की आवाज उठा कर के कुछ काम करवाए भी हैं परंतु हालात जस के तस हो जाते हैं। लखनऊ जनविकास महासभा द्वारा कई स्वच्छता अभियान भी इस क्षेत्र में चलाए गए लोगों में जागरूकता लाई गई परंतु शासन एवं प्रशासन स्तर पर पूर्ण सहयोग न मिल पाने से स्थित पुनः जस की तस हो गयी है। महासभा के उपाध्यक्ष संतोष तिवारी प्रतिदिन विकास कार्यों के पत्रों के साथ लगभग सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों से लेकर शासन स्तर तक पत्रावली कर रहे हैं जिस कारण कुछ कार्य करके विभागों द्वारा लॉलीपॉप थमा दिया जाता है और पुनः आश्वासन पर आश्वासन और कभी बजट का रोना। लखनऊ जनविकास महासभा द्वारा एक महाबैठक का आयोजन भी उपरोक्त समस्याओं के निराकरण के लिए लगभग एक वर्ष पूर्व किया गया था। जिसमें जानकीपुरम एवम जानकीपुरम विस्तार की सभी सामाजिक संस्थाओं, व्यापारिक संगठनों सहित प्रशासनिक अधिकारियों ने हिस्सा लिया था जिसका परिणाम काफी सकारात्मक रहा, परंतु प्रशासन की ढिलाई के चलते कोई भी कानून व्यवस्था इस क्षेत्र में नजर नहीं आती, फिर चाहे बात पूरी आवासीय क्षेत्र के बीचो बीच चल रहे भारी वाहनों को लेकर हो जिन्होंने सीतापुर रोड से कुर्सी रोड तक पहुंचने का शॉर्टकट बना रखा है।
हालात यह है सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं लेकिन प्रशासन आंख बंद करके सो रहा है जब कोई बड़ी घटना हो जाती है तो जांच की बात कर पल्ला झाड़ते देर नहीं लगती आश्चर्यजनक बात स्वच्छता को लेकर भी है जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में स्वच्छता के लिए महा अभियान छेड़े हुए हैं वहीं जानकीपुरम विस्तार में घरों से कूड़ा उठाने की कोई व्यवस्था अभी तक नहीं है थोड़ी बहुत व्यवस्था बांग्लादेशियों ने संभाल रखी है और वह भी कूड़ा घरों से ले जाकर खाली पड़े प्लॉटों जमा कर देते हैं या फिर खुलेआम सड़कों पर जला देते हैं। हालॉकि एलडीए की तरफ से सेक्टर 2 में एक नए कूड़ेघर का निर्माण किया गया है परंतु उसका भी इस्तेमाल अवैध अतिक्रमण किये लोगों द्वारा व्यक्तिगत इस्तेमाल में हो रहा है, एलडीए के अधिकारियों को इससे कोई लेना देना नहीं दिखता जानकीपुरम विस्तार लगभग आवासीय क्षेत्र है परंतु जिस तरीके से कमर्शियल निर्माण हो रहा है।
यह कहना गलत ना होगा कि आने वाले समय में वसूली कर निर्माण की मौखिक अनुमति देने वाले अधिकारी ही इन व्यापारियों को परेशान करेंगे और इन्हीं व्यापारियों को अपराधी और दोषी साबित करने में पीछे नहीं हटेंगे साथ ही साथ लाखों करोड़ों की लागत से बनाए गए इनके व्यापार को भी तबाह करने से पीछे नहीं हटेंगे परंतु अभी उनको कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा। लखनऊ जनविकास महासभा के अध्यक्ष एस0के0बाजपाई समस्याओं के लिए और मूलभूत सुविधाओं के लिए कई बार संबंधित अधिकारियों एवं राज्यपाल तक अपनी टीम के साथ मुलाकात कर चुके हैं और उनके द्वारा संबंधित लोगों को निर्देशित भी किया जाता है। परंतु लगता है जैसे कि प्रशासनिक अमले में इसका कोई असर नहीं होता।
स्वास्थ्य जागरूकता के लिए स्वास्थ्य कैंपों का आयोजन किया गया एवं प्रतिदिन योग शिविर का आयोजन किया जा रहा है ,सड़क सीवर बिजली पानी मार्ग प्रकाश व्यवस्था एवं अराजकता से संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए महाबैठकों का आयोजन किया गया और वर्तमान में समय-समय पर यह सभी कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। साथ ही साथ लखनऊ जन विकास महासभा द्वारा जन सहभागिता को तेजी से बढ़ाने के लिए जनविकास चर्चा का आयोजन भी किया जा रहा है जिसके मुख्य संरक्षक पूर्व कार्यकारी महापौर सुरेश चंद्र अवस्थी को बनाया गया है जिसके माध्यम से प्रयास किया जा रहा है की हर व्यक्ति को उसकी क्षेत्रीय एवं सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक किया जा सके हैं।
पंकज तिवारी ने बताया इसके सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं जनता जागरुक हो रही है और अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन भी करने लगी है परंतु प्रशासन तंत्र में लगी भ्रष्टाचार की दीमक अभी भी विकास कार्यों की राह में बाधा है उन्होंने इस बात की भी मांग की कि जब तक क्षेत्रीय विकास समितियों की सहभागिता को पूर्ण रूप से सुनिश्चित नहीं किया जाएगा और प्रशासन की जवाबदेही तय नहीं होगी तब तक विकास कार्यों में काफी समस्याओं का सामना करना ही पड़ेगा इसी का खामियाजा जानकीपुरम एवम जानकीपुरम विस्तार के क्षेत्र भुगत रहे हैं।