लखनऊ के शेखर अस्पताल के मालिक पर ED का एक्शन

लखनऊ में शेखर हॉस्पिटल के मालिक डॉ. एके सचान की संपत्तियों की ईडी जांच करेगी। सीबीआई और केजीएमयू को भी ऐक्शन लेने को कहा है।

डॉ. एके सचान किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ में 2002 से कार्यरत हैं। 4 दिन पहले ही उनकी पत्नी डॉ. ऋचा मिश्रा की शिकायत पर गाजीपुर थाने में केस दर्ज किया गया था। ​​​

2 मई को डॉ. एके सचान की पत्नी डॉ. ऋचा मिश्रा ने गाजीपुर थाने में उनके खिलाफ शिकायत की थी। ऋचा मिश्रा ने कहा था मेरे पति साथियों के साथ मिलकर नकली दवाओं का धंधा करते हैं। अस्पताल का CMO रजिस्ट्रेशन मेरे नाम पर है, इसलिए मैं विरोध करती हूं। तो मुझे जान से मारने की धमकी देते हैं। 13 मार्च को मेरे साथ मारपीट की गई थी’। मामले में डॉ. सचान के साथ राकेश वर्मा, वरुण श्रीवास्तव, राजेश राय और दो अन्य के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया था।

शेखर अस्पताल के डॉ. एके सचान और उनकी पत्नी डॉ. ऋचा मिश्रा के बीच अस्पताल पर मालिकाना हक को लेकर विवाद है।
शेखर अस्पताल के डॉ. एके सचान और उनकी पत्नी डॉ. ऋचा मिश्रा के बीच अस्पताल पर मालिकाना हक को लेकर विवाद है।

हाईकोर्ट ने भी जांच का आदेश दिया था

सितंबर 2009 में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने डॉ. एके सचान के खिलाफ जांच का आदेश दिया था। उत्तर प्रदेश चिकित्सा शिक्षा शासन और केजीएमयू से पूछा था कि सचान सरकारी डॉक्टर होते हुए भी निजी अस्पताल कैसे चला रहे हैं? कोर्ट ने कार्रवाई का भी निर्देश दिया था। लेकिन उनपर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

अब ईडी ने जनहित को देखते हुए जांच की है, सबूत जुटाए हैं और विस्तृत रिपोर्ट बनाई है। जांच के नतीजे, जुर्माना और सबूत यूपी की चिकित्सा शिक्षा विभाग को दिए हैं। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी और सीबीआई को भी कार्रवाई के लिए कहा है।

डॉ. सचान की शेखर हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी है। उन्होंने कंपनी का डायरेक्टर अपने बेटे और पत्नी का बनाया है। 1995 से 2019 तक वो खुद इस कंपनी के निदेशक थे। 2019 में उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि अस्पताल के संचालन का काम वो उसी तरह से देखते रहे।

इनकम टैक्स ने जप्त किए थे करोड़ों रुपए

इनकम टैक्स ने वर्ष 2013 में डॉ. सचान, ऋचा मिश्रा, शेखर हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स हिंद चैरिटेबल ट्रस्ट और श्री बालाजी चैरिटेबल ट्रस्ट छापा मारकर जब्ती की थी। डॉ. सचान के आवासीय परिसर और कार्यालय कक्ष से 1.76 करोड़ रुपए नकद जप्त किए गए थे। इसके बाद डॉ. सचान और ऋचा मिश्रा ने अघोषित आय के रूप में आठ करोड़ रुपए सरेंडर किए थे।

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