लखनऊ। बेसिक सर्विसेज फॉर अर्बन पुअर (बीएसयूपी) योजना के तहत राजधानी की वसंत कुंज योजना में बने 1488 मकान खंडहर हो रहे हैं। करीब 16 वर्ष से यह मकान आधे अधूरे खड़े हैं। 4 मंजिला इन मकानों में किसी की छत पड़ी है तो किसी की आधी पर रुकी है। योजना बंद होने से मकानों का काम भी बंद हो गया था। जिसकी वजह से यह मकान गरीबों को नहीं मिल पाए हैं।
केंद्र सरकार ने गरीबों के लिए बीएससी यूपी योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत गरीबों को बहुत कम कीमत में मकान उपलब्ध कराए जाने थे। राजधानी में बसंत कुंज योजना में इन मकानों के निर्माण का खाका तैयार हुआ। केंद्र सरकार ने इसके लिए करीब 6 करोड़ बजट भी जारी किया था।
लेकिन निर्माण शुरू होने में काफी वक्त लग गया। योजना 4 वर्ष पहले से चल रही थी। बाद में केंद्र सरकार ने बीएसयूपी योजना बंद कर दी। इससे योजना का बजट भी बंद हो गया। जिसकी वजह से यह मकान रुक गए। आज तक इनका निर्माण पूरा नहीं हो पाया है।
बसंत कुंज योजना के सेक्टर ए में बने यह मकान आज भी आधे अधूरे खड़े हैं। और खंडहर हो रहे हैं। मौके पर इनमें झाड़ियां उगी हुई हैं। स्थिति काफी खराब है।
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मकानों का निर्माण पूरा कराने के लिए केंद्र और राज्य से कई बार मांगा गया बजट
मकानों का निर्माण पूरा कराने के लिए केंद्र तथा राज्य सरकार से एलडीए ने कई बार बजट माना। लेकिन कहीं से भी कोई मदद नहीं मिल पाई। जिससे मकान पूरे नहीं हो पाए।
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नहीं हो पाया आवंटन
बीएस यूपी के इन मकानों का अभी तक आवंटन नहीं हुआ है। पूर्व में जब इनका निर्माण शुरू हुआ था तब तय हुआ था कि जब काम पूरा हो जाएगा तब इनका आवंटन किया जाएगा। अब अगर इन मकानों का निर्माण व आवंटन किया जाए तो लगभग डेढ़ हजार लोगों को आवास उपलब्ध हो जाएगा।
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बीएसयूपी योजना के मकान आधे अधूरे खड़े हैं। इसके बारे में उपाध्यक्ष को जानकारी दी गई है। जल्दी ही मकानों को प्राधिकरण अपनी निधि से पूरा कराएगा। इसके बाद ही गरीबों को आवंटित किया जाएगा। मकानों को अब ईडब्ल्यूएस कैटेगरी का बना कर बेचा जाएगा।
प्रताप शंकर मिश्रा, अधिशासी अभियंता, एलडीए