लखनऊ। लॉकडाउन में पसरे सन्नाटे के बीच बंथरा का गांव गोदौली गुरुवार शाम चीत्कारों से दहल उठा। जमीन हथियाने के चक्कर में हैवान बने शख्स ने बेटे के साथ मिलकर अपने ही परिवार के छह सदस्यों की लाशें बिछा दीं। आरोपितों के सिर पर किस हद तक खून सवार था, उसके मन में उठे लालच के ज्वार से समझा जा सकता है। एक के बाद एक अपनों को ढेर करते वक्त उन्होंने किसी को नहीं बख्शा। हिस्सेदार भाई, भाभी, भतीजा और भतीजी के साथ माता-पिता को भी धारदार हथियार से काट डाला।
वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपित खुद ही थाने पहुंचा और जुर्म कुबूल कर लिया। पुलिस घटनाक्रम के पीछे की वजह तलाश रही है। लखनऊ के पुलिस आयुक्त सुजीत पांडेय ने बताया कि पूरे मामले की छानबीन की जा रही है। आरोपित हिरासत में है। प्रारंभिक मामला संपत्ति विवाद का है।
राजधानी लखनऊ के बंथरा इलाके के गोदौली गांव निवासी अमर सिंह ने अपने दो बेटों अजय और अरुण के बीच कुछ साल पहले संपति का बंटवारा किया था। तभी से दोनों भाइयों के बीच संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा था। ग्रामीणों के मुताबिक, गुरुवार शाम को अजय 20 वर्षीय बेटे अवनीश के साथ अपनी मां रामदुलारी के पास पहुंचा। इस दौरान घर में रामदुलारी के साथ उसकी भाभी रामसखी, नौ साल का भतीजा सौरभ और तीन साल की भतीजी सारिका भी मौजूद थे।
इस दौरान कोई भी दोनों के इरादे भांप नहीं पाया। आरोपितों ने घर में घुसते ही सबसे रामदुलारी पर धारदार हथियार से हमला बोल दिया। यह देख रामसखी खुद व बच्चों की जान बचाने के लिए वहां से भागी। शोरगुल सुनकर आसपास के लोग पहुंचे, लेकिन दोनों के हाथ में हथियार देख कोई उन्हें रोकने की हिम्मत नहीं कर सका।
जान बचाकर घर से भागी रामसखी खेत में कटाई कर रहे पति अरुण और ससुर तक पहुंचना चाहती थी। इस बीच किसी ने अरुण को वारदात की सूचना दे दी। अरुण तुरंत घर की तरफ दौड़े। रास्ते में गांव के ही प्रताप की बाग में उन्हें पत्नी व बच्चे मिल गए। सभी को बदहवास हालत में देख अरुण उन्हें शांत कराने लगे। इससे पहले कि रामसखी अजय व अवनीश की पूरी करतूत बयां कर पाती, रामदुलारी के खून से सना हथियार लेकर दोनों आ धमके।
हैवानों ने बच्चों को भी नहीं बख्शा
ग्रामीणों के मुताबिक, अरुण, रामसखी और उसके बच्चों को सामने देखते ही आरोपितों ने उन पर हमला बोल दिया। नौ साल का सौरभ चीखते हुए इधर-उधर भागने लगा। वहीं, तीन साल की सारिका दहाड़े मारकर रोने रही थी। पिता-पुत्रों ने पहले अरुण और फिर उसकी पत्नी पर ताबड़तोड़ वार कर मौत के घाट उतार दिया। उनका जुनून इतने पर भी शांत नहीं हुआ। उन्होंने दोनों मासूम बच्चों को भी काट डाला।
खेत में की पिता की हत्या
भाई, भाभी व दो बच्चों की हत्या के बाद भी दोनों के सिर से हैवानियत का भूत नहीं उतरा। अजय बेटे के साथ अपने पिता अमर सिंह की तलाश में उन्नाव सीमा स्थित खेतों की तरफ बढ़ गया। घटना से अंजान अमर सिंह खेत में ही मौजूद थे, जिन्हें देखते ही दोनों ने उन्हें दौड़ा लिया। अमर सिंह खुद को बचाने के लिए भागने लगे, लेकिन ज्यादा दूर तक नहीं जा सके। आरोपितों ने ताबड़तोड़ वार कर उनकी भी जान ले ली।
अजय खुद पहुंचा थाने
परिवार के छह लोगों की हत्या से इलाके में सनसनी फैल गई। लोग घरों में दुबक गए और कोई आरोपितों को रोकने के लिए आगे नहीं आ सका। ग्रामीणों ने 112 पर फोन कर वारदात की जानकारी दी। हालांकि पुलिस के गांव पहुंचने से पहले ही खून से सने हाथ लेकर अजय खुद ही थाने चला गया। उसे देख पुलिस वाले भी सहम गए। पूछने पर अजय ने घटना की जानकारी दी, जिसके बाद उच्चाधिकारियों को वारदात के बारे में बताया गया। एसीपी दीपक कुमार सिंह के मुताबिक, अजय और उसके बेटे को गिरफ्तार कर लिया है। अभी कई बातें स्पष्ट नहीं हो सकी हैं।
पत्नी भी हिरासत में
पुलिस ने आरोपित अजय की पत्नी को भी हिरासत में ले लिया है। ग्रामीणों ने वारदात में आरोपित की पत्नी व अन्य लोगों की संलिप्तता का शक जताया है। हालांकि, अभी तक उनकी भूमिका स्पष्ट नहीं हो सकी है।
पूर्व में हुआ था विवाद, बैठी थी पंचायत
ग्रामीणों ने बताया कि अजय व अरुण में जमीन विवाद को लेकर पूर्व में विवाद हुआ था। मामला बढ़ता देख गांव में पंचायत बुलाई गई थी। पंचायत में लोगों ने अजय को समझाया था। आरोप है कि अजय अरुण के हिस्से की जमीन हड़पना चाह रहा था, जिसके कारण वह बार-बार भाई व पिता से उलझता था। कुछ दिन पहले अमर सिंह ने एक जमीन बेची थी, जिस पर अजय ने आपत्ति कर दी। काफी प्रयास के बाद इस मामले को शांत कराया गया था। इसके बाद से अजय अपने माता-पिता और भाई के परिवार से नाराज था।