लखनऊ : पांच साल 10,070 घटनाएं, पांच सवाल, जवाब नदारद

लखनऊ। पांच साल में दस हजार से अधिक अग्निकांड हो चुके हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक करीब 400 करोड़ से अधिक की संपत्ति राख हो चुकी है। फायर सर्विस विभाग ने आग की घटनाओं में फंसे 120 लोगों की जिंदगी बचाई है। इन सबके बीच मूल पांच सवालों के जवाब अभी भी नदारत है। विभाग का दावा है कि 80 फीसदी घटनाएं बिजली की शार्ट सर्किट से होती हैं। बिजली के तारों के मकड़जाल, घरों में जर्जर वायरिंग, औद्योगिक प्रतिष्ठानों में इलेक्ट्रिक ऑडिट न होने, सरकारी प्रतिष्ठानों में घटिया इलेक्ट्रिक उपकरणों की वजहों से घटनाएं हुईं।

पांच सवाल
बाजारों, होटलों में आग की घटनाओं के लिए कौन जिम्मेदार
बिजली के खंभों, बाजारों में शार्ट सर्किट के लिए कौन जिम्मेदार
एनबीसी के नियमों के मुताबिक आग से बचाव के इंतजाम कब होंगे
फायर एनओसी की शर्तें लागू न होने के लिए कौन जिम्मेदार
कागजों पर कब तक चलते रहेंगे आग से बचाव के  जागरूक करने वाले अभियान

आग लगने के प्रमुख कारण
. बिजली उपकरण व वायरिंग की नियमित सेफ्टी ऑडिट न होना
. एलपीजी गैस सिलेंडर पाइप का लीकेज
. कबाड़ डंप कर अनदेखी करना
. वेल्डिंग व कटिंग कार्य में लापरवाही बरतना
. उपकरणों व अन्य चीजों का उचित रखरखाव न होना

वर्ष 2017 से मार्च, 2022 के बीच हुये हादसे
2017 – 2289
2018 – 2123
2019 – 2125
2020 – 1344
2021 – 1891
2022 मार्च तक – 298
कुल हादसे – 10070

250 हाइड्रेंट पर एक भी काम के नहीं
शहर में आग बुझाने के लिये शहर में 250 हाइड्रेंटस थे पर अब इनमें एक भी काम नहीं करते। अधिकसंख्य हाइड्रेंट सड़क में समा गए। कुछ बचे हैं तो उनमें पानी का प्रेशर ही नहीं रहता।

39 नलकूप से पानी भरा जाता है
अग्निशमन विभाग के मुताबिक शहर के विभिन्न स्थानों पर 39 नलकूपों से दमकल में पानी भरा जाता है। मेट्रो स्टेशनों पर भी इसी तरह का इंतजाम किया गया है। इन स्टेशनों से भी पानी लिया जाता है।

होने चाहिए 30 फायर स्टेशन, हैं सिर्फ 8
भारतीय भवन निर्माण संहिता (एनबीसी) 2016 के मानक के तहत दो लाख की जनसंख्या या पांच से सात किमी की परिधि में एक फायर स्टेशन होना चाहिए। शहर की आबादी करीब 60 लाख है। मानक के अनुरूप करीब 30 फायर स्टेशन होने चाहिए लेकिन सिर्फ 8 हैं। हजरतगंज, चौक, इंदिरानगर, गोमतीनगर, पीजीआई, सरोजनीनगर, आलमबाग और बीकेटी में फायर स्टेशन हैं। राजभवन और हाईकोर्ट में रिजर्व फायर स्टेशन हैं। अमीनाबाद में पूरे साल व गोसाईंगंज व महिलाबाद में फायर सीजन में एक दमकल रहती है।

विभाग में कई पद खाली पड़े हैं
अग्निशमन विभाग में कई पद खाली पड़े हैं। आलमबाग व बीकेटी फायर स्टेशन पर अग्निशमन अधिकारी नहीं हैं। शहर में अग्निशमन द्वितीय अधिकारी के 24 पद स्वीकृत हैं जिनमें से 17 पद खाली हैं। लीडिंग फायरमैन के 24 पद व फायर सर्विस चालक के 11 पद खाली हैं।

पद नाम                         स्वीकृत      उपलब्ध
मुख्य अग्निशमन अधिकारी           1           1
अग्निशमन अधिकारी                10          6
अग्निशमन द्वितीय अधिकारी         24         7
लीडिंग फायर मैन                   57         34
फायर सर्विस चालक                 68         57
फायरमैन                          306        234

अग्निशमन विभाग में व्यवस्था
छोटी-बड़ी आग बुझाने की 50 गाड़िया हैं
हाईड्रोलिक प्लेटफार्म – 2
एडवांस रेस्क्यू टेंडर – 1
वॉटर बाउजर – 4
फोम टेंडर – 3
वॉटर टेंडर – 12
मिनी फायर टेंडर – 11
वॉटर मिस्ट हाई प्रेशर व्हिकल – 5
बुलेट मोटरसाइकिल विद बैग पैक सिस्टम-12

आग की घटनाएं कैसे रोकें
लखनऊ। हादसों के बाद तैयार अग्निशमन विभाग की रिपोर्ट को मानें तो आग की अधिकतर घटनाएं शार्ट सर्किट की वजह से होती है। थोड़ी सी सावधानियां बरतकर ऐसे हादसों को कम किया जा सकता है। रिटायर सीएफओ अभयभान पाण्डेय कहते हैं कि कई बड़े हादसों की जांच रिपोर्ट  बताती है कि छोटी-छोटी लापरवाही बड़े अग्निकांड का कारण बनीं। कई घरों व बड़े प्रतिष्ठानों में बिजली के उपकरण लगातार चलते रहते हैं।

-एसी लगातार नहीं चलाना चाहिये
-जर्जर बिजली तारों हटाए जाने चाहिए
-लोड भी बिजली खपत के अनुसार रहे
-खड़ी कार में देर तक एसी न चलायें
-जलती बीड़ी या सिगरेट न फेंके

एक साल में 200 को नोटिस, कार्रवाई शून्य
लखनऊ। वर्ष 2021 में छोटी बड़ी 1891 घटनाएं हुई हैं। हादसों में 6 लोगों की जान भी चली गई। आग से बचाव के लिए मानक पूरे न होने पर अग्निशमन विभाग ने 200 प्रतिष्ठानों को नोटिस जारी की। इनमें से कुछ ही ने व्यवस्था में सुधार किया है। अधिसंख्य व्यवसायिक प्रतिष्ठानों ने फायर एनओसी तक नहीं ली। एनओसी के लिए www.niveshmitra.up.nic.in या www.upfireservice.gov.in पर आवेदन कर सकते हैं।

सीएफओ विजय कुमार सिंह ने बताया कि वर्ष 2021 में करीब 200 प्रतिष्ठानों आग से बचाव के इंतजाम नहीं पाए गए थे। कई बिल्डिंग मानक के अनुरूप नहीं थी तो कई जगह आग बुझाने के उपकरण नहीं थे। उपकरण थे भी तो चालू हालत में नहीं मिले। ऐसे प्रतिष्ठानों को नोटिस जारी की गई थी।

सख्त कार्रवाई का नहीं है अधिकार
अग्निशमन विभाग के पास आग से बचाव के मानक पूरा न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का अधिकार नहीं है। अग्निशमन विभाग सिर्फ निरीक्षण कर नोटिस ही जारी कर सकता है।

496 को जारी हुई एनओसी
राजधानी में बड़ी संख्या में बहुमंजिला इमारतें, बारात व व्यवसायिक प्रतिष्ठान हैं। शहर में केवल 496 प्रतिष्ठानों में ही आग से बचाव के मानक पूरे मिले। इन्हें एनओसी जारी की गई है।

ये हैं मानक
-बहुमंजिला बिल्डिंग में हर तल पर अग्निशमन यंत्र और फायर पाइप होने चाहिए
-फायर फाइटिंग उपकरणों का समय-समय पर निरीक्षण हो
-बिल्डिंग में आने-जाने के लिये दो रास्ते होने चाहिए
-पानी भरने के लिए टैंक की व्यवस्था हो
-इमारत के चारों तरफ खाली जगह छूटी
-संकरी गलियों में व्यवसायिक बिल्डिंगों का निर्माण न हो

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