लखनऊ मंडल के प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर खुलेंगे डिपार्टमेंटल स्टॉल

लखनऊ। रेलवे प्रशासन ने अन्य राज्यों के प्रवासी श्रमिकों की सुविधा के लिए लॉकडाउन के चौथे चरण में लखनऊ मंडल के प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर डिपार्टमेंटल स्टॉल खोलने की योजना बनायी है। मुख्यालय से आदेश मिलते ही प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर स्टॉल खोल दिये जायेंगे। सभी स्टॉल पर बच्चों के लिए दूध एवं अन्य खाने-पीने की चीजें उपलब्ध रहेंगी।

वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबन्धक जगतोष शुक्ला ने सोमवार को बताया कि देश के अन्य राज्यों से ट्रेनों के द्वारा उत्तर प्रदेश आ रहे प्रवा​सी श्रमिकों की सुविधा के लिए लखनऊ मंडल के प्रमुख स्टेशनों पर डिपार्टमेंटल स्टॉल खोलने की योजना है। फिलहाल रेल मुख्यालय की अनुमति का इंतजार किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि आने वाले प्रवासी श्रमिकों की भूख प्यास को देखते हुए प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर डिपार्टमेंटर स्टॉल खोलने की योजना बनायी गई है। रेलवे के डिपार्टमेंटर स्टॉल पर शारीरिक दूरी का पूरी तरह से पालन कराया जायेगा। स्टॉल के आस-पास बैरिकेडिंग लगाकर श्रमिकों को सामान लेने की अनुमति होगी। मौके पर आरपीएफ और जीआरपी के जवान तैनात किये जायेंगे। ये जवान श्रमिकों को कोरोना से बचाव के नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित करेंगे। स्टॉल के कर्मचारियों को कोरोना का फैलाव रोकने के लिए मास्क और दस्ताने पहनना अनिवार्य होगा। स्टॉल पर रुपये के लेनदेन की नई व्यवस्था पर अभी विचार चल रहा है। जल्द ही इसे अंतिम रूप दिया जायेगा।

वाणिज्य प्रबन्धक ने बताया कि राज्य और केन्द्र सरकार के सहयोग से महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली सहित अन्य राज्यों से श्रमिकों के लिए स्पेशल ट्रेन चलायी जा रही हैं। लॉकडाउन के चलते इन ट्रेनों में प्रारम्भिक और अंतिम स्टेशनों पर ही श्रमिकों को खाद्य सामग्री दी जा रही है। बीच के स्टेशनों पर अभी ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। 30 से लेकर 42 घंटे के लम्बे सफर में श्रमिकों और उनके परिजनों को भूख प्यास से गुजरना पड़ रहा है।

गौरतलब है कि स्पेशल ट्रेनों से उत्तर प्रदेश आ रहे श्रमिकों ने लम्बे सफर में भूख प्यास की शिकायत रेलवे से की है। इसके अलावा लखनऊ जैसे अन्य स्टेशनों पर रुकने वाली स्पेशल ट्रेनों में पानी और अन्य खाद्य सामग्री के लिए छीनाछपटी पहले हो चुकी है। इसको देखते हुए श्रमिकों को खाने-पीने की चीजें उपलब्ध कराने के लिए डिपार्टमेंटर स्टॉल खोलने की योजना बनायी गई है।

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