लखनऊ। नवंबर 2022 में होने वाले नगर निकाय चुनाव के दौरान लखनऊ में वार्ड की संख्या 110 से बढ़कर 125 तक पहुंच सकती है। शहर को 15 नए वार्ड मिल सकते हैं। दरअसल, इस साल लखनऊ नगर निगम की सीमा में 88 गांव शामिल हो गए है। ऐसे में शहर का क्षेत्रफल और आबादी में करीब पांच लाख की बढ़ोतरी हो गई है। हालांकि वार्ड की संख्या बढ़ाने के लिए नगर निगम को विशेष अनुमति लेनी पड़ेगी।
मौजूदा समय नगर निगम का कुल क्षेत्रफल करीब 310.104 वर्ग किलोमीटर है। अब उसमें 88 गांव के शामिल होने के बाद 257,872 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्रफल बढ़ गया है।
बदलेगा वार्ड की परिसीमन
निकाय चुनाव से पहले कई वार्ड का परिसीमन भी बदलेगा। ऐसे में चुनावी गणित भी खराब हो जाएगा। सबसे ज्यादा परेशानी आउटर के वार्ड पर होगी। इसके अलावा यह भी हो सकता है कि शहर के अंदर के वार्ड को आपस में मर्ज कर दिया जाएगा।
साल 2017 के चुनाव के दौरान ऐसा हुआ था और दो और तीन वार्ड को जोड़कर एक वार्ड बनाया गया था। ऐसे में इस बार सदन में कई पुराने पार्षद हो सकता है नजर न आए। दरअसल, जब दो या तीन वार्ड मिलकर एक हो जाएंगे तो बाकी वार्ड के पार्षदों की कुर्सी जाना तय है।
नगर विकास की मीटिंग में हुआ फैसला
पिछले दिनों इसको लेकर नगर विकास विभाग की मीटिंग में फैसला हुआ है। मीटिंग का हिस्सा रहे एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि लखनऊ छोड़कर प्रदेश के बाकी 17 महानगरों में अभी कहीं भी वार्ड की संख्या नहीं बढ़ेगी। वहां परिसीमन में जरूरत बदलाव होगा। लखनऊ में पिछली बार 110 पार्षदों ने 12 दिसंबर को शपथ ली थी। ऐसे में नवंबर में चुनाव होने हैं।
बीजेपी को घाटा इसलिए नहीं बनेंगे दो नगर निगम
शहर में दो नगर निगम के बारे में भी विचार किया गया था। लेकिन जब सर्वे कराया गया और विचार किया गया तो पता चला कि नए परिसीमन में बीजेपी को घाटा हो सकता है। इसमें सपा और बाकी दल के वोट बैंक के आधार पर परिसीमन का समीकरण तैयार हो रहा था।
इसकी वजह से फिलहाल दो नगर निगम का प्रस्ताव खारिज कर दिया गया है। पूर्व पार्षद और कांग्रेस महानगर अध्यक्ष मुकेश सिंह चौहान बताते हैं कि मौजूदा समय बीजेपी के लोग यही करते हैं। शहर की आबादी के हिसाब से दो नगर निगम काफी पहले तैयार हो जाने चाहिए थे लेकिन सर्वे उनके खिलाफ आया तो अब वार्ड की संख्या बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है।